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बालाघाट-बैहर मार्ग फिर हो सकता है बंद

locationबालाघाटPublished: Aug 02, 2021 04:19:30 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

भारी बारिश होने पर भू-स्खलन की बढ़ रही संभावना,लगातार बारिश के कारण बालाघाट-बैहर मार्ग में आ चुकी हैं दरारें,एमपीआरडीसी ने मार्ग की कराई मरम्मतीकरण

बालाघाट-बैहर मार्ग फिर हो सकता है बंद

बालाघाट-बैहर मार्ग फिर हो सकता है बंद

बालाघाट. जिला मुख्यालय से बैहर पहुंच मार्ग पर आवागमन करना खतरों भरा सफर हो सकता है। दरअसल, भारी बारिश होने पर इस मार्ग पर भू-स्खलन की संभावना बढ़ गई है। हाल ही में हुई बारिश के कारण इस मार्ग पर लैंड स्लायडिंग के चलते दरारें आ चुकी हैं। हालांकि, एमपीआरडीसी ने इसकी मरम्मत तो करवा दी है, लेकिन दुर्घटनाओं की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
जानकारी के अनुसार यह मार्ग आदिवासी अंचल को जिला मुख्यालय से जोड़ता है। जिसके चलते इस मार्ग पर रोजाना सैकड़ों वाहन, यात्री बसें, ग्रामीणों का आवागमन रहता है। लेकिन इस मार्ग से अब सफर करना खतरों भरा होने लगा है। खासतौर पर बारिश के दिनों में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। दरअसल, टेकाड़ी से लेकर रुपझर के पहले तक यह मार्ग पहाडिय़ों के बीच से होकर गुजरा है। खासतौर पर गांगुलपारा जलाशय से लेकर बंजारी मंदिर तक घुमावदार सड़क और पहाड़ी अधिक है। बारिश होने पर यहां पर लैंड स्लाइडिंग का खतरा अधिक बढ़ जाता है। हाल ही में हुई बारिश के चलते मुख्य मार्ग पर आई दरारें इसका उदाहरण है। जिले में पिछले चार-पांच दिनों से लगातार बारिश होने के चलते बालाघाट-बैहर पहुंच मार्ग में गांगुलपारा से बंजारी के बीच में रोड से नीचे की मिट्टी खिसकने लगी थी। जिसके कारण मुख्य मार्ग पर दरारें आना प्रारंभ हो गई थी। इधर, मार्ग में दरारें आने के बाद एमपीआरडीसी ने उक्त दरारों की मरम्मतीकरण करवा दी है। जिसके कारण आवागमन जारी है।
भारी बारिश में हो सकता है भू-स्खलन
जिले में भारी बारिश होती है तो इस मार्ग पर भू-स्खलन की संभावना बढ़ जाएगी। दरअसल, गांगुलपारा से लेकर बंजारी मंदिर तक पहाड़ी इलाका है और यहां पर बारिश का पानी पहाड़ी से सीधे सड़क पर आता है। जिसके कारण पहाडिय़ों के पत्थर और उसके साथ मिट्टी भी खसक जाती है। जिसका असर मुख्य मार्ग पर पडऩे लगता है। वहीं सड़क के दूसरी ओर खाई है, जहां से पानी जाने के साथ ही मिट्टी का भी कटाव होता है। जिसके कारण भी मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की संभावना अधिक रहती है। इधर, मौसम विभाग ने जिले में ४ अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। जिसके कारण भू-स्खलन की संभावना प्रबल होते नजर आ रही है।
अगस्त २०२० में भी दरकी थी सड़क
अगस्त २०२० में भी लैंड स्लाइडिंग के चलते मार्ग का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके कारण इस मार्ग से करीब एक माह तक आवागमन पूरी तरह से बंद रखा गया था। लैंड स्लाइडिंग वाले हिस्से को प्रशासन द्वारा तार की जाली से दुरुस्त कराए जाने के बाद प्रशासन ने इस मार्ग से पहले हलके वाहनों को आवागमन के लिए अनुमति दी थी। इसके बाद इस मार्ग से भारी वाहनों का आवागमन शुरू किया गया था। लेकिन इस बार फिर से इस मार्ग के बंद होने की संभावना नजर आ रही है।
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