बालाघाट। महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में स्थित भीमा कोरगांव में 1 जनवरी को शहीद महार सैनिकों के शौर्य दिवस पर एकत्रित लाखों दलितों पर किए गए हमले को सुनियोचित हमला बताते हुए बसपा ने सीबीआई जांच के साथ ही अन्य कई मांगे की है। बसपा ने भीमा कोरेगांव घटना को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन करते हुए समता भवन बुढ़ी से एक रैली निकाली। जो शहर का भ्रमण करते हुए आम्बेडकर चौक पहुंची। जहां पूज्य भंते जी की मौजूदगी में धरना प्रदर्शन कर आमसभा आयोजित की गई।
इस दौरान बसपा प्रभारी उदयसिंह पंचेश्वर, अनिल उके,
धर्मेन्द्र रामटेके, इंजी. किशोर, जिलाध्यक्ष दीपक मेश्राम, महासचिव प्रकाश उके सहित बड़ी संख्या में दलित समाज के पुरूष और महिलाए उपस्थित थी। डॉ. आम्बेडकर चौक में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने इस घटना का घटना के लिए महाराष्ट्र की भाजपा सरकार और आरएसएस पर इसका दोषारोपण करते हुए इनके संरक्षण में घटना को अंजाम दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रदेश के शासन और स्थानीय प्रशासन निष्क्रिय बना रहा। जिसके कारण शांतिप्रिय माहौल में अशांति फैलाकर अराजकता की स्थिति पैदा की गई।
बसपा की सभा को सभी वक्ताओं ने संबोधित करते हुए इसे बहुजन समाज पर अन्याय और अत्याचार बताते हुए उनकी सुरक्षा और शांति के लिए महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तहसीलदार वर्मा को सौंपा गया। जिसमें घटना की सीबीआई जांच की मांग, आम नागरिकों को हुए आर्थिक क्षतिपूर्ति की राज्य शासन द्वारा भरपाई किए जाने, घटना में घायलों को उचित उपचार एवं राहत तथा मृतक को एक करोड़ से अधिक का मुआवजा देने, बहुजन समाज के शोषित, पीडि़त होने पर इनके उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जाने और घटना की न्यायिक जांच उपरांत अपराधियों के खिलाफ एफआईआर और दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।