भाजपा-कांग्रेस में होगा मुकाबला
बालाघाटPublished: Sep 05, 2018 09:27:14 pm
गोंगपा, आम आदमी पार्टी और बसपा टक्कर देने की तैयारी में
भाजपा-कांग्रेस में होगा मुकाबला
भानेश साकुरे
बालाघाट. विधानसभा चुनाव करीब आते ही सत्तारुढ़ भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों के नेता भी सक्रिय हो गए हंै। भाजपा जहां सरकार की योजनाओं का बखान कर रही है। वहीं कांग्रेसी व अन्य दलों के नेता भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध, किसानों की समस्या, मुलभूत समस्याएं, महंगाई सहित शासन की जनविरोधी नीतियों को लेकर जनता के बीच में जा रहे हैं। परसवाड़ा सीट जहां भौगोलिक दृष्टि से बड़ी है। यहां अभी विकास कार्यों की संभावनाएं बनी हुई है। वहीं बैहर सीट पर नक्सल समस्या मुंह फाड़े खड़ी है। इस सीट पर गढ़ी क्षेत्र के २५ ग्राम पंचायतों में बिजली, बैहर-सालेटेकरी मार्ग का निर्माण, पेयजल की समस्या बनी हुई है।
परसवाड़ा : समस्याओं की भरमार
जि ले की परसवाड़ा विधानसभा सीट पर वैसे तो बहुत दावेदार हैं। लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के अलावा सपा के संभावित प्रत्याशी व पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के बीच रहता है। आदिवासी अंचल होने के कारण यहां समस्याएं बहुत है और विकास की अभी भी संभावनाएं बनी हुई है। इस कारण सभी विरोधी सक्रिय हैं।
2013 के वोट
भाजपा- रामकिशोर कावरे- 46367
कांग्रेस- मधु भगत- 49216
ये हैं चार मुद्दे- बिजली-पानी, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधा, इ-भुगतान की समस्याएं।
मजबूत दावेदार
भाजपा-रामकिशोर कावरे, शिव जायसवाल, भारती पारधी, रामेश्वर कटरे।
कांग्रेस-मधु भगत, अशोक मंडलेकर, मिथलेश जायसवाल, दलसिंह पंद्रे, दिनेश धुर्वे।
ये भी ठोक रहे ताल
बसपा- दुर्गेश बिसेन
आप- अब्दुल खालीद कादरी, उदेलाल चौधरी
गोंडवाना मुक्ति सेना-दरबू सिंह उइके
सपा-कंकर मुंजारे
दावेदारों की सक्रियता
परसवाड़ा में कांग्रेस के विधायक हंै, जो कि लगातार सक्रिय हैं। भाजपा नेताओं की सक्रियता को कमतर नहीं आंका जा सकता। सभी संभावित दावेदार भी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच में हैं।
चुनौतियां-परसवाड़ा क्षेत्र में काफी चुनौतियां रहेंगी। यदि कांग्रेस का सपा, बसपा से गठबंधन होता है तो यहां स्थितियां भिन्न हो सकती है। यह क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से बड़ा है। ऐसे में विकास की संभावनाएं बनी हुई हैं।
बैहर: विकास की दरकार
बैहर विधानसभा सीट में कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं। यहां पूर्व में भाजपा से भी विधायक रह चुके हैं, लेकिन क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है। आज भी आदिवासी अंचलों में बिजली, पानी, सड़क, रोजगार, मजदूरी भुगतान की समस्याएं बनी हुई है। इस सीट पर भी भाजपा-कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के दवेदार भी सक्रिय हैं।
2013 के वोट
भाजपा-भगत नेताम- 50067
कांग्रेस- संजय उइके- 82419
ये हैं चार मुद्दे
बिजली, मजदूरी भुगतान, रोजगार और बैंकों का न होना बनी समस्या।
मजबूत दावेदार
भाजपा-भगत नेताम, अनुपमा नेताम, सुधीर कुशरे, गुड्डा मरकाम।
कांग्रेस-संजय उइके और गणेश मेरावी।
ये भी ठोक रहे ताल
बसपा- धरम सिंह मरकाम
आप- दिलीप सिंह कोडापे
गोंगपा- हिरासन उइके
दावेदारों की सक्रियता
बैहर में कांग्रेसी विधायक हैं, जो सक्रिय है। भाजपा नेताओं ने भी सक्रियता बनाए रखी है। जनता के बीच पहुंचकर सरकार की योजनाओं को गिना रहे हैं। इसके अलावा अन्य दावेदार भी सक्रिय हैं।
चुनौतियां- दक्षिण बैहर, गढ़ी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां सभी दलों के लिए चुनौतियां अधिक रहती हैं। यहां पर करीब ७० प्रतिशत आबादी वनांनचल क्षेत्र में निवास करती है, जो कि एक बड़ी समस्या है।
इनका कहना है
पार्टी की प्रदेश स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा निर्धारित किए गए पैमाने के आधार पर प्रत्याशियों की घोषणा होगी। अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
– विश्वेश्वर भगत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष
पार्टी में प्रत्याशियों का चयन केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व द्वारा किया जाता है। पार्टी ने जीत का पैमाना तय किया है, जिसके आधार पर ही प्रत्याशी तय होगा।
-रमेश रंगलानी, जिला भाजपा अध्यक्ष