scriptपहाड़ी में ब्लास्टिंग से थर्रा रही बस्ती, मकानों में आ रही दरारें | Blasting in the hill, trembling settlement, cracks coming in the house | Patrika News

पहाड़ी में ब्लास्टिंग से थर्रा रही बस्ती, मकानों में आ रही दरारें

locationबालाघाटPublished: Jan 21, 2022 10:04:25 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

खेतों में किए गए बोर हो रहे खराब, फसल को भी हो रहा है नुकसानपरेशान ग्रामीण कर रहे हैं मुआवजे की मांगकिरनापुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेनेगांव का मामला

पहाड़ी में ब्लास्टिंग से थर्रा रही बस्ती, मकानों में आ रही दरारें

पहाड़ी में ब्लास्टिंग से थर्रा रही बस्ती, मकानों में आ रही दरारें

बालाघाट/किरनापुर. पहाड़ी में हो रही ब्लॉस्टिंग से न केवल गांव थर्रा रहा है। बल्कि मकानों में भी दरारें आने लगी है। चाहे मकान कच्चे हो या पक्के, सभी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इतना ही नहीं इसका असर अब खेतों में लगी फसल पर भी होना लगा है। खेत में किए गए बोर खराब होने लगे हैं, फसलों को नुकसान होने लगा है। यह कार्य लगातार हो रहा है। मामला जिले के जनपद पंचायत किरनापुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बेनेगांव का है।
जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय किरनापुर से 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत बेनेगांव की पहाड़ी पर 5 से 6 स्टोन क्रेशर संचालित हो रहे हैं। भले ही ये स्टोन क्रेशर प्रशासन से मिली अनुमति के बाद संचालित हो रहे हैं, लेकिन यहां पर पत्थर तोडऩे के लिए की जा रही ब्लॉस्टिंग से ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है। खदानों में जब ब्लास्टिंग होती है तो पूरा गांव थर्रा जाता है, मकानों में दरारे आने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम बेनेगांव से पहाड़ी की दूरी 2 किलोमीटर है। लेकिन ब्लास्टिंग होने से अब कच्चे मकान में दरार आने लगी है। इसका असर पक्के मकानों की स्लेपों में भी नजर आने लगा है। साथ ही पहाड़ी के किनारे लगे समस्त किसानों की खेती में किसानों द्वारा कराए गए बोर खराब हो गए है। चूंकि ब्लास्टिंग होने से बोर के नीचे के पत्थर टूट कर मोटर सहित अंदर चले जाते हैं। जिस पर मिट्टी धंस जाने से मोटर अब पूरी तरह खराब हो रही है। रबी की फसल लगाई गई है। बोर खराब होने के चलते सिंचाई करने की चिंता होने लगी है।
लगातार हो रहा है खनन का कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त स्थान पर लगातार खनन का कार्य हो रहा है। इससे ग्रामीणों को काफी नुकसान हो रहा है। पहाड़ी में जमीन की सतह से नीचे 50 फीट तक गहराई में खुदाई का काम चल रहा है। कुछ दिनों बाद लिफ्ट से अंदर भी जाकर खुदाई किए जाने की संभावना है। इस प्रकार से पत्थरों की तुड़ाई खदानों के मालिकों द्वारा की जा रही है। लेकिन इससे ग्रामीणों को हो रहे नुकसान की भरपाई भी किया जाना चाहिए।
इनका कहना है
पहाड़ी से 500 मीटर की दूरी पर उनकी खेती है जिसमें 5 एकड़ में रबी की फसल लगी हुई है। खेत में कुंए में बोर था, पहाड़ी में ब्लास्टिंग होने से बोर की मोटर खराब हो चुकी है। बोर पूरी तरह मिट्टी मलमा में धंस गया है।
-डालचंद दशहरे, ग्रामीण बेनेगांव
गांव में उसका मकान कच्चा है, मकान से पहाड़ी की दूरी 2 किलोमीटर है किंतु ब्लास्टिंग होने से उसके कच्चे मकानों में दरार आ गई है और मकान में लगी सीमेंट की चादर भी टूट कर गिर गई है। ब्लास्टिंग से लगातार नुकसान हो रहा है।
-अंजीलाल कुमरे, ग्रामीण बेनेगांव
मेरा पक्का मकान है। किंतु ब्लास्टिंग पावर वाली होने से स्लेप में तीन-चार जगह दरारें आ गई है। फिलहाल इन दरारों को मरम्मत कर सुधार लिया गया है। लेकिन ब्लॉस्टिंग का कार्य बंद नहीं होने से परेशानी बनी हुई है।
-गौरव दशहरे, ग्रामीण बेनेगांव
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