बालाघाट. प्रधान
मंत्री आवास के तहत होने वाले आवासीय निर्माण कार्य इन दिनों रेत की कमी एवं बढ़ते दामों की वजह से अटके पड़े हैं। दरअसल, दिनों-दिन रेत के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में गरीब का अपना घर बनाने का सपना चकनाचूर होते नजर आ रहा है। हितग्राहियों की माने तो योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि के हिसाब से उन्होंने मकान तैयार करने का सोचा था। लेकिन अब रेत के लगातार बढ़ते दामों की वजह से निर्माण का बजट बिगड़ रहा है और काम बीच में रोकना पड़ रहा है।
कटंगी शहर तथा आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोग चंदन नदी तथा तिरोड़ी में नदी नालों से रेत खनन कर परिवहन किया जाता था। लेकिन प्रतिबंध के बाद से रेत माफियां ही प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में नदी नालों से अवैध रेत खनन कर महंगे दामों में बेच रहे हैं, जो गरीब खरीदने में सक्षम नहीं है, उनके आवास निर्माण कार्य अटके हुए हैं। ऐसे हितग्राहियों ने शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए निश्चित दाम पर रेत उपलब्ध कराने की मांग की है।
मकान की लागत बढ़ी-पीएम आवास योजना लाभार्थियों ने बताया कि मंहगें दामों में रेत खरीदने की वजह से मकान निर्माण की लागत बढ़ गई है। इस कारण उन्हें कर्ज लेकर निर्माण कार्य पूरा करना पड़ रहा है। इधर, शासन के निर्देशों के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्यों के लिए शासकीय भूमि से गौण खनिज कर रेत का उत्खनन एवं परिवहन के लिए रायल्टी मुक्त अभिवहन पास जारी किए जाने का प्रावधान होने पर जिले के 10 विकासखंडों के ग्रामों में रेत के उत्खनन के लिए खदान चिन्हित की गई है। कलेक्टर डीव्ही सिंह ने जिले की समस्त 11 तहसीलों के तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे रेत के उत्खनन के लिए चिन्हित की गई खदान का शीघ्र सीमांकन उत्खनन क्षेत्र निश्चित कराएं जिससे निर्धारित क्षेत्र के बाहर रेत का उत्खनन न हो सकें। कटंगी विकासखंड में ग्राम कोड़बी व बाहकल को चिन्हित किया गया है। इसके बाद ग्रामीणों ने अन्य अतिरिक्त गांवों को भी चिन्हित करने की मांग की है। चूकिं इन गांवों से दूर-दराज तक रेत परिवहन करने में अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा। फिलहाल अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस रेत खदान से आवासीय योजना के लिए रेत मिल पाएगी या नही।
अन्य निर्माण कार्य प्रभावित-30 सितबंर तक रेत के खनन का कार्य बंद होने से निर्माण के लिए रेत व बजरी नहीं मिल पा रही है। इस कारण एक ओर शासकीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं, वहीं इसका सीधा असर प्राइवेट सेक्टर में होने वाले निर्माण कार्यों पर भी बुरा असर पड़ा है। नगर में कई जगह बिल्डिंग बनाने का काम बंद हो गया है, जबकि रसूखदार एवं पैसे वाले कुछ लोग अनाप-शनाप दाम में रेत खरीदकर निमार्ण कार्य कर रहे हैं। लोगों के मुताबिक, उनकी समझ में यह नहीं आ रहा कि सरकार और प्रशासन आखिर चाहता क्या है जो रेत पहले मकान बनाने के लिए कम दाम में मिल जाती थी। आज वो पैसे देकर भी नहीं मिल रही है। जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं, ऐसे में वह क्या करें?
इनका कहना है।कटंगी में जिन दो स्थानों की खदान चिन्हित की गई है वहा से पंचायत में होने वाले शासकीय निर्माण कार्यो के लिए रेत मिलेगी। पीएम आवास के लिए दी जानी है या नहीं इस बारे में अभी स्पष्ट नहीं है। 30 सितबंर तक रेत खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
ऋषभ जैन, एसडीएम कटंगी