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लॉक डाउन के साथ गर्मी दिखा रही तीखे तेवर

प्रशासन ने 100 लोगों को पहुंचाया घरमहाराष्ट्र के गढ़चिरोली में फंसे बालाघाट के 37 मजदूर

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लॉक डाउन के साथ गर्मी दिखा रही तीखे तेवर

लॉक डाउन के साथ गर्मी दिखा रही तीखे तेवर

बालाघाट/कटंगी। कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए देश भर में 21 दिवसीय लॉकडाउन जारी है। इस बीच ग्रामीण अंचलों से महानगरों में रोजी-रोटी के लिए पलायन करने वाले लोगों की घर वापसी का सिलसिला भी बदस्तुर जारी है। बीते 4 दिनों में करीब 1 हजार से भी अधिक लोग नागपुर से पैदल, साइकिल से अपने घर वापस आ चुके हैं। हालाकिं बीते 2 दिनों से प्रशासन भी महानगरों से पैदल आने वाले लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने एवं भोजन आदि की व्यवस्था कर रहा है। रविवार को अनुविभागीय अधिकारी रोहित बम्होरे के नेतृत्व में फिर एक बार 100 से अधिक लोगों को बालाघाट, लालबर्रा, सिवनी, वारासिवनी और दमोह भेजा गया। प्रशासन ने बाहर से आने वाले ग्रामीणों को घर तक पहुंचाने के लिए 3 बसों को अधिग्रहित किया है। इसके अलावा आस-पास के ग्रामीण अंचलों के लोगों को अन्य चारपहिया वाहनों से घर तक पहुंचाया जा रहा है। बाहर से आने वाले इन लोगों को घर तक पहुंचाने से पहले उनके स्वास्थ्य की फौरी तौर पर जांच की जा रही है। वहीं इन लोगों को घर से बाहर ना निकलने की सलाह भी दी जा रही है। इधर, लॉकडाउन के चलते नगर एवं ग्रामीण अंचलों में पुलिस भी लगातार गश्ती कर रही है जिसके चलते सड़कों पर सन्नाटा छाया हुआ है।
विद्यार्थी लौट रहे घर-
महानगरों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थी अपने घर वापस हो लौट रहे हैं। वहीं अन्य राज्यों से भी कुछ लोगों को लौट आने की खबर है। मगर, इस वक्त बालाघाट जिले के करीब 37 मजदूर महाराष्ट्र के जिला गढ़चिरोली के अहेरी में फसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें से अधिकांश श्रमिक कटंगी तहसील के है। प्राप्त जानकारी अनुसार यह सभी श्रमिक मजदूरी करने के लिए गढ़चिरोली गए थे। एक सप्ताह से लॉकडाउन होने के कारण काम बंद पड़ा है और इन श्रमिकों के पास इतना पैसा भी नहीं है कि यह 14 अप्रैल तक गढ़चिरोली में निवास कर सकें। इसलिए वापस अपने घर लौटना चाहते हैं। मजदूरों की माने तो खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। घर वापस आना चाहते हंै पर साधन नहीं है।
यह मजदूर फसे-
गढ़चिरोली से श्रमिक बंटी ठाकरे ने बताया कि उसके साथ रितेश, लक्ष्मी, विक्की, पवन, मुकेश, बब्लु, सुखराम, नंदू, राजा, महेन्द्र, करण, श्याम, अक्षय, नीतिन, गुणवंता, सचिन, संजय, राजु, घनश्याम, हर्षवर्धन, खेमुराम, नीलकंठ, हेमराज, जितेन्द्र, गंगाबाई, रूखमणीबाई, त्रिवेणी बाई, सुनीता बाई, योगराज, शिवाजी सहित अन्य मजूदर फसे हुए हैं। यह सभी अपने घर आना चाहते हैं। इन मजदूरों ने बालाघाट कलेक्टर का अपनी ओर ध्यानाकर्षण कराते हुए वापस लाने की व्यवस्था बनाने की मांग की है। कुछ इसी तरह की स्थिति नागपुर में फसे 15 मजदूरों के साथ की भी है। यहां के मजदूरों ने बताया कि वह पैदल आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अगर, निकलने की कोशिश करते हैं तो पुलिस बुरा बर्ताव कर रही है। इन्होंने भी मदद की गुहार लगाई है।