धराशायी किया जा सकता है व्यवसायिक कांपलेक्सï?
बालाघाटPublished: Feb 02, 2020 05:34:38 pm
एसडीएम के निर्देश के बाद जांच पर पहुंची तहसीलदार
स्थल निरीक्षण के बाद दस्तावेज प्रस्तुत करने दिए निर्देश
धराशायी किया जा सकता है व्यवसायिक कांपलेक्सï?
बालाघाट/लालबर्रा। नगर के राजमार्ग क्रमांक 26 पर पटवारी हल्का नंबर 7/26 खसरा नंबर 311/1 रकबा 0.624 हेक्टेयर पर बनाया गया व्यवसायिक कांप्लेक्स के निर्माण में अब जांच की आंच आने लगी है। शिकायत के बाद एसडीएम के निर्देशों पर लालबर्रा तहसीलदार ने जांच प्रारंभ कर दी है। इस दौरान जांच में यदि काम्पलेक्स का निर्माण शासकीय भूमि पर होना पाया जाता है तो एसडीएम के निर्देश पर काम्पलेक्स को ढहाए जाने की कार्रवाई की जा सकती है? बहरहाल मामला एसडीएम व तहसीलदार की जांच पर अटका हुआ है।
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता जुल्फिकार अली ने काम्पलेक्स का निर्माण शासकीय भूखंड पर किए जाने की शिकायत की है। एसडीएम कार्यालय से 20 जनवरी को निर्देश जारी होते हुए तहसीलदार को स्थल जांच कर नियमानुसार अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया है। तहसीलदार आकांक्षा चौरसिया ने आवेदक और अनावेदकों से कथन लिए है। वहीं स्थल जांच कर भूमि से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई कर स्पष्ट अभिमत के साथ प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय को भेजा जाएगा।
यह की गई है शिकायत
शिकायत कर्ता द्वारा शिकायात में बताया गया है कि गौठान मद की शासकीय भूमि जिसकी अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ २० लाख रुपए आंकी जा रही है। उक्त भूमि पर बल पूर्वक अतिक्रमण कर झूठे दस्तावेजों के आधार पर पट्टे हासिल कर लिए गए हैं। अतिक्रमण कर्ता स्थानीय निवासी नहीं है और तो सरकारी कर्मचारी भी है। जिन्होंने आवास मिशन के तहत पट्टे हासिल कर लिए हैं। नियमानुसार शासकीय भूमि के पट्टे केवल आवास के लिए ही स्थानीय व अशासकीय व्यक्तियों को प्रदान किए जाते हैं। इस मामले में हल्का पटवारी और तत्कालीन तहसीलदार पर भी कार्रवाई किए जाने की मांग शिकायतकर्ता द्वारा की गई है।
इन्होंने की शिकायत
इस मामले में लालबर्रा निवासी जुल्फिकार अली और नरेंद्र जायसवाल द्वारा शासन के हित में शासकीय भूखंड पर अवैध रूप से कब्जा कर व्यवसायिक कांप्लेक्स संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण को तोडऩे और भूमि को मुक्त कराए जाने की शिकायत की है।
वर्सन
हमारे द्वारा आवेदक और अनावेदकों के कथन लिए गए हैं। स्थल जांच भी की गई है। दोनों पक्षों से भूमि संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। इसके बाद जांच प्रतिवेदन एसडीएम को प्रेषित किया जाएगा।
आकांक्षा चौरसिया, तहसीलदार लालबर्रा