scriptआसमान पर छाई बदली, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें | Changes in the sky, worry lines on farmers' foreheads | Patrika News

आसमान पर छाई बदली, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

locationबालाघाटPublished: Jan 19, 2020 09:12:39 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

आसमान पर छाई बदली, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

आसमान पर छाई बदली, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

आसमान पर छाई बदली, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

बालाघाट. कोचेवाही क्षेत्र मे जनवरी माह में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदल ली है। वहीं किसानों की धड़कनें फिर से तेज हो गई हैं। मौसम अपना असर पूरी तरह से जनवरी माह में दिखा रहा है। शुक्रवार सुबह के समय आसमान में बादलों के छाए रहने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसानों को खरीदी केंद्रों मे अपनी उपज देने की भी सूझ नही की मौसम ने किसानों की गेंहू, चना, अलसी, सरसों के लिए फिर से चिंता बढ़ गई। जबकि गेहूं की फसल खेतों में ही इस कगार पर है कि तेज हवा के साथ बारिश हो गई तो गेंहू की पैदावार आधी से भी कम रह जाएगी। जनवरी माह के शुरुआत में हवा और बरसात के साथ कहीं-कहीं ओले पड़े थे। इसमें खेतों में जहां गेहूं की फसलें को कई जगहों फायदा पहुंचा है तो कई जगह नुकसान। इस समय तेज हवा के साथ बरसात होने पर गेंहू की फसल खराब हो सकती है।
शुक्रवार सुबह एक बार फिर से आसमान पर बदली छाई रही। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आई। उन्हें गेहूं की फसल को बर्बाद होने की आशंका है। किसानों के खेतों में अलसी और सरसों की फसल खड़ी है। कुछ किसान मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं जिससे फसल सही समय से पक जाए। किसानों को लगातार परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। किसान मौसम के बदले रुख को देखकर सहमे हैं कि अगर बारिश हुई तो सब कुछ सत्यानाश हो जाएगा। शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदला और आसमान पर बादलों की चहल कदमी से किसानों के चेहरे की मुस्कान गुल हो गई।
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