बालाघाट

बलात्कार के मामले में चौरासीबाबा को आजीवन कारावास

अदालत ने नरसिंगा थाना लामता निवासी चौरासीबाबा उर्फ लालचंद बिरनवार को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 29,000 रूपए अर्थदंड़ से दंडित किया गया।

बालाघाटDec 02, 2019 / 07:50 pm

mahesh doune

बलात्कार के मामले में चौरासीबाबा को आजीवन कारावास

बालाघाट. जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद गुप्त की अदालत ने नरसिंगा थाना लामता निवासी चौरासीबाबा उर्फ लालचंद बिरनवार (75) को एक महिला के साथ आश्रम में बलात्कार करने के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 29,000 रूपए अर्थदंड़ से दंडित किया गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी चौरासीबाबा का नरसिंगा में आश्रम था जो झाड़ फूंक का काम करता था। एक महिला तबियत खराब होने पर 5 मार्च 2012 को अपने पुत्र के साथ नरसिंगा चौरासीबाबा के आश्रम पहुंची। जहां पर महिला ने तबियत खराब होने की बात बाबा को बताई। जिस पर बाबा के द्वारा महिला को पांच दिनों तक आश्रम में रूकने कहा गया और यह कहा कि इस दौरान आठ दिए जलवाना है जिसे ठंडा करना होगा। महिला बाबा की बात में आकर वहां अपने पुत्र के साथ रूक गई। 7 मार्च को रात करीब 11 बजे चौरासीबाबा महिला के कमरे में गया और महिला के खाट के नीचे आटे से एक पुतला बनाकर रखा और कहा कि इसे तीन घंटे बाद ठंडा करना है। जिसके बाद आरोपी ने रात करीब दो बजे पीडि़ता के बेटे को अपने दो साथियों के साथ अमोली गांव के पास वाले तालाब में पुतले ठंडा करने के लिए भेज दिया। कुछ देर बाद आरोपी ने महिला के अकेलापन का लाभ उठाकर उसके कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। एक नींबू लेकर तंत्र मंत्र करने लगा और महिला को जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ बलात्कार किया। धमकी से डरकर महिला ने इसकी सूचना तत्काल में अपने पुत्र को नहीं दी पर और दूसरे दिन पति के आने पर इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद महिला अपने पति के साथ लामता थाना पहुंच घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में चौरासीबाबा के खिलाफ बलात्कार व जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर उसे इस आरोप में गिरफ्तार कर मामला न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने इस मामले में बाबा को दोषी पाते हुए उक्त सजा से दंडित किया।

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