बालाघाट. असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व
विजयादशमी दशहरा पर्व नगर सहित ग्रामीण अंचलों में धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यालय में उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में रावण सहित मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला दहन किया गया। भगवान श्रीराम द्वारा रावण के पुतले को आग लगाते ही धंू-धंू कर जल उठा। शनिवार को निर्धारित समय शाम 6.30 बजे मैदान में आयोजित आर्केस्ट्रा व शानदार आतिशबाजी के साथ हुए रावण दहन को देखने नगर सहित आसपास के क्षेत्र से करीब १५ हजार से अधिक लोग एकजुट हुए थे।
दशहरा पर्व के दौरान चल समारोह में केबीनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश रंगलानी, नपा अध्यक्ष अनिल धुवारे, प्रशासनिक अधिकारी, एसपी अमित सांघी, एएसपी आकाश भूरिया सहित अन्य अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
पुलिस की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्थापुलिस की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच दशहरा पर्व रावण दहन का कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी नगर में महावीर सेवादल समिति द्वारा आयोजित दशहरा चल समारोह में नजर बनाए रहे और मैदान में पुलिस के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों ने बखूबी अपने कर्तव्य का निर्वहन कर दशहरा पर्व को शांति पूर्वक मनाए जाने के लिए अपनी महत्ती भूमिका निभाई।
पहले रावण बाद में जला मेघनाथ कुंभकरणआयोजन समिति द्वारा पहले रावण के पुतले का दहन कर बाद में मेघनाथ व कुंभकरण का पुतला दहन किया। इससे उपस्थित जन समुदाय असमंजस में पड़ गए। आपस में चर्चा का विषय बन गया कि पहले रावण मरा था या मेघनाथ। नियमानुसार पहले मेघनाथ, कुंभकरण व अंत में रावण का पुतला दहन किया जाता है।
निकाली गई शोभायात्रामहावीर सेवादल समिति द्वारा इस वर्ष भी 5४ वें वर्ष में नए श्रीराम मंदिर से भव्य चल समारोह निकाला गया। इसमें पवनपुत्र
हनुमान ४१ किलो वजनी अष्टधातु का मुकुट धारण किए गए पैदल नाचते झूमते हुए चल रहे थे। वहीं सुंदर दिव्य रथ पर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण विराजमान होकर शोभायात्रा की शान बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी सहित सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में आम जनता ने शामिल होकर जय श्रीराम और जय वीर महावीर के जयघोष लगाए।
श्रीराम मंदिर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा हनुमान चौक, सराफा चौक, सुभाष चौक, महावीर चौक, गुजरी चौक, काली पुतली चौक, अम्बेडकर चौक होते हुए रावण दहन स्थल उत्कृष्ट स्कूल पहुंची। जहां सेनापति भगवान हनुमान ऋषभ भाटिया की अगुवाई में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के तीरों से असत्य और अधर्म के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया गया।
आकर्षण का केन्द्र रही झांकियांश्रीराम शोभायात्रा में भगवान के स्वरूपों को झांकियों के माध्यम से दर्शाया गया। जो लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। शोभायात्रा में भगवान राम-लक्ष्मण, वनवासी राम लक्ष्मण, भगवान शिवशंकर, भगवान विष्णु लक्ष्मीमाताजी सहित अन्य जीवंत झांकिया शामिल थी।