कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत के बाघों के भंडार में से एक है और भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। वर्तमान में कान्हा क्षेत्र को दो अभयारण्यों में विभाजित किया गया है, हॉलन और बंजार, ये क्रमशः 250 और 300 किमी *2। कान्हा नेशनल पार्क 1 जून 1955 को बनाया गया था और 1973 में कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया था। आज यह दो जिलों मंडला और बालाघाट में 940 किमी बाई 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।
यह क्षेत्र घोड़े के पैरों के आकार का है और यह हरित क्षेत्र सतपुड़ा की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इन पहाड़ियों की ऊंचाई 450 से 900 मीटर तक है। इसके अन्तर्गत बंजर और हेलन की घाटियां आती हैं जिन्हें पहले मध्य भारत का प्रिन्सेस क्षेत्र कहा जाता था। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बालाघाट के बैहर से मुक्की गेट के रास्ते कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में एंट्री की जाती है। जबकि वहीं मंडला से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश के लिए किसली गेट का उपयोग किया जाता है।
जानकारी के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान शनिवार, 11 जून की सुबह भी पार्क में सफारी करेंगे। इसके बाद मुक्की गेट के समीप ही मौजूद बैगा हाट का भ्रमण करेंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि सीएम बिरसा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भूतना के कुदान गांव में हुए हादसे के पीडि़त परिवार से भी मुलाकात करेंगे।
हालांकि, तय निजी कार्यक्रम अनुसार शुक्रवार को ही पीडि़त परिवार से मुलाकात का समय तय था। लेकिन समय की कमी के चलते सीएम मुलाकात नहीं कर पाए हैं।
उल्लेखनीय है कि सीएम प्लेन से सपरिवार भोपाल से बिरसी हवाई अड्डा गोंदिया पहुंचे थे। वहां से वे सुसराल भी गए। बिरसी से ही दोपहर 3 बजे के बाद बैहर क्षेत्र के बिरवा हवाई पट्टी पहुंचे। वहां कान्हा नेशनल पार्क में सफारी की। इधर, सीएम के आगमन पर कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, एसपी समीर सौरभ सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी कान्हा नेशनल पार्क पहुंचे थे।