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नोट से नहीं वोट से बनी थी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार-नाथ

locationबालाघाटPublished: Jan 19, 2021 10:18:50 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व सीएम ने किया एकजुटता का आव्हान

नोट से नहीं वोट से बनी थी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार-नाथ

नोट से नहीं वोट से बनी थी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार-नाथ

बालाघाट. नोट से नहीं वोट से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। जनता ने बदलाव का संदेश दिया था। लेकिन भाजपा ने प्रदेश में सौदे की राजनीति कर इसे बदल दिया। जहां प्रदेश का नाम माफिया के नाम से जाना जाता था, वहीं अब बिकाउ राजनीति के नाम से जाना जाता है। प्रदेश आज कर्ज, अपराध, महंगाई सहित अन्य चीजों में नंबर वन है। यह बातें पूर्व सीएम कमलनाथ ने कही। वे मंगलवार को स्थानीय कमला नेहरु सभागृह में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस का मुकाबला भाजपा से नहीं उसके संगठन और धनबल से है। इसको सभी को समझना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्हें १५ माह सरकार चलाने का मौका मिला। लेकिन उनका कार्यकाल में केवल साढ़े ११ माह का रहा है। ढाई माह आचार संहिता में गुजर गए। बावजूद इसके उन्होंने किसानों का कर्जा माफ करने सहित अन्य अच्छे कार्य किए। पूर्व सीएम ने कहा कि किसान का जन्म और मृत्यु कर्ज में होता है। सरकार बनने के बाद पहले उनका कर्जा माफ करने का कार्य किया। प्रदेश के वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान को आखिरी में स्वीकार करना पड़ा कि राज्य के २६ लाख किसानों का कर्जा माफ किया गया है।
पूर्व सीएम ने कहा कि देश में एक प्रदेश की एक ऐसी पहचान बन गई हैं, जहां पर सौदे की राजनीति होती है। पहले माफिया के नाम से प्रदेश को जाना जाता था। लेकिन अब बिकाउ राजनीति के नाम से। उन्होंने कहा कि वे उस समय सीएम थे। वे भी सौदे की राजनीति कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। प्रदेश में बिकाउ राजनीति का प्रवेश नहीं करने दिया। वे बिकाउ राजनीति आने से प्रदेश को कलंकित नहीं करना चाहता था। लेकिन भाजपा ने ऐसा किया। उन्होंने कहा कि हमें अब इस पर आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान तो घोषणा करने में माहिर है। वे अब तक १५ हजार घोषणाएं कर चुके हैं। वे घोषणा न करें तो उनका खाना नहीं पचता। इधर, प्रदेश का युवा रोजगार की तलाश में है। प्रदेश में रोजगार की कमी है। प्रदेश में कोई भी उद्योगपति निवेश नहीं करना चाहता है। उद्योगपति अन्य राज्यों को प्रदेश से ज्यादा सुरक्षित समझते हैं। बावजूद इसके प्रदेश की भाजपा सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।
कृषि कानून को आड़े हाथ लेते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि यह कानून किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने का कानून है। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है। इस कानून के तहत बड़े-बड़े उद्योगपति आएंगे, जो किसानों की फसल को कम दामों पर लेकर जाएंगे। किसान खेती तब कर सकता है जब उसके बीज और खाद हो। ये दोनों नहीं होने पर वे मजबूरी में व्यापारी के गुलाम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक समय चुनाव के दौरान भाजपा को बूथ एजेंट तक नहीं मिलते थे। शहर से बूथ एजेंट बनने के लिए कार्यकर्ता को भेजा जाता था। इसके बाद चुनाव जीतने पर वे कांग्रेस के विजेता को अपना कह देते थे। इस तरह से भाजपा को एक संगठन मिला है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि नगरीय निकाय चुनाव में एकजुट होकर कार्य करने का आव्हान किया। एक नई टीम बनाकर कार्य करना होगा। आज ९५ प्रतिशत युवा सोशल मीडिया पर है, इस कारण सभी को एक्टिव रहना होगा। इसके अलावा उन्होंने अनेक बाते कही।
इस अवसर पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, विधायक हिना कावरे, संजय उइके, टामलाल सहारे, पुष्पा बिसेन, कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वेश्वर भगत, राजा सोनी, नितिन भोज सहित अन्य मौजूद थे।
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