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गुणवत्ताहीन सामग्री से कर दिया ५३ लाख का निर्माण

locationबालाघाटPublished: Feb 04, 2018 12:02:20 pm

Submitted by:

mukesh yadav

लालबर्रा ददिया के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में लगाए आरोप, उच्च स्तरीय जांच व कार्रवाई की मांग

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बालाघाट. लालबर्रा क्षेत्र के अमोली से ददिया मरारीटोला तक २.७० किमी. की बनाई गई ग्रेवल सड़क में भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप ग्रामीणों ने लगाए हैं। इस मामले की बकायदा लिखित शिकायत कर ग्रामीणों द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की गई है। शिकायत में बताया गया है कि ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत कर गुणवत्ताही सामग्री से निर्माण किया गया है। वहीं निर्माण के मापदंडों की अनदेखी भी गई है। ग्रामीणों के अनुसार इस मामले की यदि उच्च स्तरीय जांच की जाती है तो निर्माण में बड़ा गोलमाल सामने आ सकता है।
जानकारी के अनुसार वर्ष २०१६ में आरईएस विभाग द्वारा लालबर्रा से ददिया मरारीटोला तक ग्रेवल सड़क निर्माण के लिए शासन से ५३ लाख ६० हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके बाद बालाघाट के एक ठेकेदार द्वारा २०१७ में निर्माण कार्य पूर्ण करना उल्लेखित किया गया है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा सड़क का मापदंड के अनुरूप निर्माण नहीं किया गया है। वहीं सामग्री भी निम्न स्तर की उपयोग की गई है। जिसकी जांच की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।
मुरूम की बजाए बजरी का उपयोग
ग्रामीण राजू पंचेश्वर, देवदास, डेलीचंद, ललिता आयरे सहित अन्य ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान मुरूम व मिट्टी की जगह नदी की काली खाद वाली मिट्टी का उपयोग किया गया है। जिससे सड़क में सही भरन नहीं होने से सड़क धसकने लगी है। इन्होंने बताया कि उक्त मिट्टी सीबीआर मानक मापदंड के विरूद्ध है। जिसका उपयोग सड़क निर्माण में नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा मनमानी की गई। इसकी जांच भी नहीं की जा रही है।
पोल हटाए बिना किया कार्य
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान कई बिजली पोल भी आए थे। लेकिन ठेकेदार द्वारा इन पोलों को भी विस्थापित नहीं किया गया है। इस कारण वर्तमान में सड़क के बीचोबीच पोल खड़े दिखाई देते हैं और सड़क दो हिस्सा में विभाजित हो गई है। इस कारण खासकर बड़े वाहनों को यहां से आवागमन करने में परेशानी होती है। ग्रामीणों के अनुसार इस मामले की कई बार शिकायत भी उनके द्वारा जिला स्तर से लेकर पंचायत मुख्य सचिव, राज्यपाल और सीएम हेल्पलाइन तक में की जा चुकी है। लेकिन अब तक मामले का पटाक्षेप नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने इस मामले में आरईएस विभाग के अधिकारियों पर भी ठेकेदार को संरक्षण देकर बचाने का प्रयास किए जाने के आरोप लगाए हैं। वहीं उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही मामले की निष्पक्षता से जांच नहीं की जाती है तो ग्रामीणों के द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
वर्सन
सड़क निर्माण के मापदंडों को लेकर आरटीआई के माध्मय से पिछले एक वर्ष से जानकारी मांगी जा रही है। लेकिन जानकारी नहीं दी जा रही है। ऐसा कर ठेकेदार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
राजू पंचेश्वर, जागरूक युवा ददिया

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