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चुल्हे में भोजन पका रही रसोईया

locationबालाघाटPublished: Apr 10, 2019 05:17:33 pm

Submitted by:

mukesh yadav

80 फीसदी स्कूलों ने नहीं गैस चुल्हा, धुएं में जीवन

ujjwala

चुल्हे में भोजन पका रही रसोईया

कटंगी। 40 डिग्री तापमान और चुल्हे से निकलने वाला धुंआ और इस बीच अपने हाथों से आंखे मसलती रसोईयां सरकार से सवाल कर रही है कि आखिर हमारा कसूर क्या है ? दरअसल, स्कूलों में मध्याहन भोजन पकाने वाली रसोईया रसोई गैस कनेक्शन नहीं मिलने की वजह से सरकार तथा विभाग से खासी नाराज है। इनका कहना है कि सरकार ने उज्जवला योजना के तहत घर-घर में तो रसोई गैस कनेक्शन पहुंचा दिया है, लेकिन स्कूलों में अब भी चुल्हे में ही भोजन पकाया जा रहा है। इस कारण उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जानकारी अनुसार कटंगी के 80 फीसदी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में रसोई गैस कनेक्शन नहीं है। जिसके चलते इन स्कूलों में लकड़ी या गोबर के उपले जलाकर चुल्हों में भोजन पक रहा है। वहीं जिन 20 फीसदी स्कूलों के पास रसोई गैस कनेक्शन है। उनका भी स्व सहायता समूह गैस के महंगें दाम होने की वजह से ठीक तरीके से संचालन नहीं करवा पा रहे हैं। सूत्रों की माने तो कई गैस सिलेंडर स्कूल से गायब तक हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि देश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन बांटे गए। ताकि, भोजन पकाने में महिलाओं को किसी तरह की परेशानी न हो और धुएं से बच सकें। लेकिन कटंगी के सरकारी स्कूलों में अभी भी लकड़ी जलाकर चूल्हे पर मध्यान्हन भोजन बनाया जा रहा है। इस कारण स्कूलों में भोजन पकाने वाली महिलाएं परेशान हो रही है तथा उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। स्कूल में चूल्हा जलाने से जहां प्रतिदिन इसके धुआं से आसपास का क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है। वहीं, पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी परेशानी होती है। धुएं से बच्चों के स्वास्थय पर भी असर पड़ रहा है. वहीं, मध्याहन भोजन पकाने के लिए लकड़ी भी काफी मुश्किल से मिल रही है।
यह है आंकड़ा
विखं कटंगी में 186 प्राथमिक एवं 116 माध्यमिक स्कूल है। जिनमें बच्चों को मध्यान्हन भोजन खिलाया जाता है। इन स्कूलों में से 52 स्कूलों में शाला प्रबंधन समिति मध्यान्हन भोजन पका रही है। जबकि शेष 250 स्कूलों में स्व सहायता समूह मध्याहन भोजन परोस रहे है। इनमें से अधिकांश स्कूलों के पास रसोई गैस कनेक्शन नहीं है। अभी इन स्कूलों में चुल्हे पर मध्याह्नन भोजन पकाया जाता है। जिससे निकलने वाले धुएं से स्कूली बच्चे, शिक्षक तथा रसोईया सभी परेशान है। शिक्षकों की माने तो धुआं के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। वहीं रसोईयों ने बताया कि कई बार समय पर भोजन नहीं पक पाता। ज्ञात हो कि स्कूलों तक रसोई गैस कनेक्शन पहुंचा है या नहीं इस बात पर विभाग के अफसर, नेता कोई भी गंभीर नहीं है। इस कारण सालों पहले यह योजना शुरू होने के बाद भी स्कूलों में रसोई गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाए है। रसोईयों ने अपना दर्द बताते हुए विभाग के वरिष्ट अफसरों का ध्यानाकर्षण कराते हुए शीघ्र ही स्कूलों में भोजन पकाने के लिए रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की है।
वर्सन
सरकार की यदि कोई गैस चूल्हा प्रदान किए जाने जैसी स्कीम होगी तो पता लगाया जाएगा। जानकारी वरिष्ठों को दी जाएगी। अभी हमारा काम सिर्फ मॉनीटरिंग का है।
देवेश सराठे, जनपद सीईओ कटंगी
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