scriptराजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी में छोडऩे की मांग | Demand to release water from Rajiv Sagar Dam in Bavanthadi | Patrika News

राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी में छोडऩे की मांग

locationबालाघाटPublished: May 27, 2020 09:29:20 pm

Submitted by:

mukesh yadav

भीषण गर्मी के बढ़ते ही गहराया जलसंकटफसलों के साथ ही निस्तार के लिए भी नहीं मिल पा रहा पानी

राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी में छोडऩे की मांग

राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी में छोडऩे की मांग


चिखलाबांध. मप्र एवं महाराष्ट्र राज्य के बीच से बहने वाली बावनथड़ी नदी की प्रवाहित जलधारा पिछले 4 माह पहले ही सूख गई है। इस कारणें नदी के किनारे बसे गांव में जलसंकट गहराने लगा है। नदी का पानी सूखने से जल स्तर काफी नीचे चले गया है। परिणाम स्वरूप क्षेत्र के बोरवेल, कुंआ, तालाब व अन्य जल स्त्रोतों ने दम तोडऩे शुरू कर दिया है। ग्रामींणों को निस्तार के पानी के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं खेतों में लगी गन्ने व हरी साग सब्जियों की फसलों पर भी असर पडऩे लगा है। दोनों राज्यों के बावनथड़ी नदी के किनारों पर स्थित लगभग आधा सैकड़ा गांवों के खेतों में सिचाई के लिए अब बावनथड़ी नदी में पानी छोड़े जाने की मांग उठने लगी है।
जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व में बावनथड़ी नदी पर मप्र एवं महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से अति महत्वाकांक्षी राजीव सागर परियोजना बांध का निर्माण कराकर वर्ष 2012 से जलसंचय कराना प्रारंभ किया गया था। जिसका पानी दोनों राज्यों के लगभग लाखों किसानों के लिए वरदान साबित होकर समय-समय पर खेतों की सिंचाई हेतू छोड़ा जाता है। लेकिन जब से राजीव सागर परियोजना का निर्माण होकर बावनथड़ी नदी के पानी को बांध में जलसंचय हेतू रोका गया है। तब से बावनथड़ी नदी के किनारों के आसपास का जलस्तर दिनों, दिन लगातार नीचे गिर रहा है। बताया गया कि बांध के नीचे से 50 किमी दुर ग्राम मोवाड़ तर बहने वाली बावनथड़ी नदी बांध में पानी रोकने के कारण समय से पहले ही नदी सूख जाती है। परिणामी वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष क्षेत्र की पठार संघर्ष समिति की मांग के आधार पर शासन-प्रशासन द्वारा भीषण गर्मी में राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी में मांग एवं जरुरत के आधार पर छोड़ा जाता है।
बारिश ने नहीं दिया साथ
जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 की शुरूआत ही बेमौसम बारश से हुई। जो कि 8-15 दिन के अंतराल में लगातार मई माह तक होते रही। जिसे देखकर ऐसा प्रतित हो रहा था कि इस वर्ष भीषण गर्मी में भू जलस्तर में गिरावट नहीं आएगी। लेकिन जैसे ही मई माह के अंत में नवतपा प्रारंभ हुआ है। वैसे ही पीने एवं सिंचाई हेतू पानी की दिक्कत महसूस होने लगी है। खैरलांजी कटंगी के पठार क्षेत्र के करीब 1 दर्जन गांवों की नल-जल योंजनाए भी बंद पड़ गई है। जंगली, जानवर पानी की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं। यदी मानसून जून माह में नही आया तो सभी प्रकार की फसलें चौपट होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
पानी छोड़े जाने की मांग
जिले के पठार क्षेत्र के मुख्य किसानों, पठार संघर्ष समिति एवं जन प्रतिनिधियों ने निवेदन कर नदी में राजीव सागर बांध से पानी छोडऩे का मांग की है। ताकि नदी क्षेत्र के कुओं, बोरवेलों का जलस्तर बना रहे और किसानों को सिंचाई हेतू पर्याप्त पानी मिल सके।
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