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अंबेझरी में तैनात हुआ वन अमला

locationबालाघाटPublished: Dec 08, 2017 02:17:27 pm

Submitted by:

mukesh yadav

बाघ की दहशत, पेंच एरिया में बाघों के लिए कम पडऩे लगी जगह चिंता का विषय

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बालाघाट/कटंगी. राज्य के प्रसिद्ध पेंच एरिया में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और अब यहां बाघों में क्षेत्रीय लड़ाई की घटनाएं बढ़ रही है। जिससे यह वन्यप्राणी जंगल छोड़कर आबादी की ओर आ रहे हैं। ताजा मामला वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले कन्हडग़ांव सर्किल के अंबेझरी गांव का है। यहां पर तीन दिन से एक बाघ ने गांव से महज 3 सौ मीटर नजदीक दस्तक दी है। जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। वहीं जानकार वन्यप्राणियों के गांव के इतने नजदीक आने को खतरनाक बताते हैं। उनका मानना है कि वन्यप्राणियों के गांव के करीब आने से मानव एवं वन्यप्राणियों दोनों पर खतरा है। वन अमले को इसकी जानकारी लगने पर वह भी पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। वन विभाग ग्रामीणों के साथ वन्यप्राणी की सुरक्षा के लिहाज से मौके पर निगरानी बनाएं हुए हैं।
पेंच से पहुंचा बाघ
वन परिक्षेत्र अधिकारी हिमांशु राय ने इस वन्यप्राणी के पेंच से आने का अनुमान लगाया है। उन्होंने बताया कि वन अमला मौके पर तैनात किया गया है। गुरूवार को पूरा दिन बाघ कहीं भी दिखाई नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि अगर बाघ गांव के आसपास दिखाई देता है तो उसे जंगल की ओर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। जानकारों की माने तो 292 वर्ग किमी. वाले पेंच एरिया में करीब 50 से भी अधिक बाघ है। यहां आए दिन बाघों के बीच क्षेत्रीय लड़ाई होते रहती है। जिसमें बाघ लड़ाई के बाद एरिया छोड़कर भाग कर आबादी की ओर आ रहे हैं।
जानकारी अनुसार बाघ ने अंबेझरी के नजदीक आगरी में जंगली सुकर के शिकार की घटना को अंजाम दिया है। इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। वहीं ग्रामीणों के द्वारा भी बाघ को एकदम करीब से देखा गया है। जिस वजह से वह शाम होते ही घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं।
इनका कहना है।
वन अमला अंबेझरी में तैनात है। गुरूवार को बाघ कहीं भी नहीं दिखाई दिया। हमने ग्रामीणों को सर्तक रहने के लिए कहा है। पेंच से बाघ के आने का अनुमान है।
हिमांशु राय, वन परिक्षेत्र अधिकारी कटंगी
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