scriptशिक्षा से ही समाज का विकास संभव- | Development of society is possible only through education | Patrika News

शिक्षा से ही समाज का विकास संभव-

locationबालाघाटPublished: Nov 30, 2019 09:10:31 pm

Submitted by:

mukesh yadav

ग्राम खैरगांव में महात्मा फुले स्मृति दिवस पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन

शिक्षा से ही समाज का विकास संभव-

शिक्षा से ही समाज का विकास संभव-

बालघाट. जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर ग्राम खैरगांव में मरार माली समाज द्वारा महात्मा फुले स्मृति दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य दुर्गेश बिसेन व विशेष अतिथि घायनचंद चौधरी सरपंच, शैलेन्द्र बुर्रे, मदन लाल चौधरी, रमेश तंदहपतम, मनोज खरे, तहसीलदार पांचे शामिल हुए। सर्वप्रथम सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महत्मा फुले व माता सावित्री बाई के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा वंदना की गई।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि दुर्गेश बिसेन ने कहा कि महात्मा फुले ने निश्चय किया कि वह वंचित वर्ग की शिक्षा के लिए विद्यालयों का प्रबंध करेंगे, उस समय जात-पात, ऊंच नीच की दीवारें बहुत ऊंची थी। खासकर महिलाओं के लिए शिक्षा के रास्ते बंद थे। ज्योतिबा इस व्यस्थता को तोडऩे के लिए लड़कियों को अपने घर पढ़ाते थे। जैसे-जैसे उनके समर्थक बढ़े उन्होंने खुलेआम स्कूल चलाना प्रारंभ कर दिया। स्कूल प्रारंभ करने के बाद ज्योतिबा को कई कठनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके विद्यालय में पढ़ाने कोई भी तैयार नही था। कोई पढ़ाता भी तो सामाजिक दबाव में उसे जल्दी यह कार्य बंद करना पड़ता था। यह एक गंभीर समस्या थी। ज्योतिबा ने इस समस्या के हल हेतु अपनी पत्नी सावित्री को पढऩा सिखाया फिर मिशनरी के नार्मल स्कूल में प्रशिक्षण दिलाया। इसके बाद सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षक बनी। महत्मा फले ने शिक्षा के महत्व को समझ कर बताया कि शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है। कार्यकर्म को सफल बनाने में ग्राम के युवा साथी सुनील पांचे, इंजी चौधरी मरार माली समाज के समस्त पदाधिकारी जिसमें शिकारी पांचे, संगउंद पांचे, गणेश चौधरी, कन्हयालाल पांचे, पीतम मात्रे, बिपत पांचे, ताराचंद पांचे, दशाराम पांचे, रामेश्वर चौधरी, शोभाराम पांचे, गणपत सभी का सराहनीय योगदान रहा।
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