छात्रावास में गंदगी का आलम, परेशान हो रहे बच्चे
छात्रावास के आकस्मिक निरीक्षण में हुआ खुलासा

बालाघाट. छात्रावास में बच्चे भूखे थे, जबकि अधीक्षक अपने घर में आराम फरमा रहे थे। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब जनपद पंचायत बैहर सीईओ पुष्पेन्द्र व्यास और प्रभारी सहायक परियोजना प्रशासक ने शनिवार की रात्रि में आकस्मिक निरीक्षण में छात्रावास पहुंचे। निरीक्षण में छात्रावास पहुंचे जपं सीईओ ने न केवल वहां का निरीक्षण किया। बल्कि बच्चों से उनकी समस्याएं भी पूछी। जिसके बाद बच्चों ने एक-एक कर समस्याएं भी बताई। मामला आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास बैहर का है।
जानकारी के अनुसार बैहर मुख्यालय में आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास का संचालन हो रहा है। इस छात्रावास में भारी अनियमितताएं है। इसकी शिकायत पूर्व में छात्रों ने की थी। शिकायत के आधार पर प्रभारी सहायक परियोजना प्रशासक व जनपद पंचायत बैहर के सीईओ पुष्पेन्द्र व्यास शनिवार की रात्रि में आकस्मिक निरीक्षण में छात्रावास पहुंचे थे। जपं सीईओ ने रात्रि करीब ८ बजे छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान छात्रों द्वारा की गई सभी शिकायत सही पाई गई।
निरीक्षण में ये मिली खामियां
जपं सीईओ के निरीक्षण के दौरान 50 सीट क्षमता वाले छात्रावास में 3 कमरों में बच्चे पाए गए। कमरों में मात्र 2-2 पंखे चालू थे। प्रकाश की भी उचित व्यवस्था नहीं थी। परीक्षा का समय होने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई के लिए फर्नीचर की व्यवस्था नहीं की गई थी। जिसके चलते बच्चे बिस्तर या जमीन पर पसीने में लथपथ होकर पढ़ाई कर रहे थे। मच्छरदानी फटी हुई थी। कमरों में मच्छर भिनभिना रहे थे। छात्रावास में मौजूद शौचालय में से मात्र एक शौचालय चालू था। वहां भी गंदगी फैली हुई थी।
बच्चों को नहीं मिलता भरपेट भोजन
निरीक्षण के दौरान बच्चों ने बताया कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता। यह समस्या किसी एक दिन की नहीं बल्कि रोजना की बनी हुई है। जो कि एक चिंता का विषय बना हुआ है। इधर, निरीक्षण के दौरान करीब १० भूखे मिले। जिसके चलते निरीक्षण अधिकारी ने तत्काल ही छात्रावास में मौजूद भृत्य के माध्यम से दाल-चावल बनवाया। इसके बाद बच्चों को भोजन परोसा गया। इस तरह से छात्रावास में बच्चों के साथ व्यवहार किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों ने शिष्यावृत्ति की राशि भी नहीं मिलने की जानकारी दी।
घर मे थे अधीक्षक
निरीक्षण के दौरान छात्रावास अधीक्षक आरके मेश्राम घर में आराम फरमा रहे थे। बच्चों द्वारा समस्या बताने के बाद जब प्रभारी प्रशासक पुष्पेन्द्र व्यास ने अधीक्षक से दूरभाष पर चर्चा भी की। जिस पर अधीक्षक ने स्वास्थ्य खराब होने के चलते घर में होने की जानकारी दी।
इनका कहना है
बच्चों की शिकायत के बाद छात्रावास का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में शिकायत सही पाई गई। छात्रावास में बच्चों को भरपेट भोजन नहीं मिलता, करीब १० बच्चे भूखे पाए गए। जिन्हें तत्काल भोजन उपलब्ध कराया गया। निरीक्षण पंचनामा के साथ प्रतिवेदन तैयार कर अधीक्षक के खिलाफ जांच व कार्रवाई के लिए प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाएगा।
-पुष्पेन्द्र व्यास, सीईओ, प्रभारी सहायक परियोजना प्रशासक, बैहर
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