बालाघाट

टर्फ नहीं बनने से खेल प्रेमी और खिलाड़ी में निराशा

नगर के हॉकी खिलाडिय़ों को एस्टोटर्फ मैदान का बेसब्री से इंतजार है।

बालाघाटMar 27, 2020 / 06:56 pm

mahesh doune

टर्फ नहीं बनने से खेल प्रेमी और खिलाड़ी में निराशा

बालाघाट. नगर के हॉकी खिलाडिय़ों को एस्टोटर्फ मैदान का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन उनका सपना साकार होते नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन व जिला प्रशासन द्वारा 2019 में अखिल भारतीय स्वर्ण कप हॉकी टूर्नामेंट एस्ट्रोटर्फ में खेले जाने की घोषणा की गई थी। लेकिन अब तक कार्य ही प्रारंभ नहीं हुआ है। एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं बनने से जिले के हॉकी खिलाडिय़ों में आक्रोश है। इसके अलावा खेल प्रेमी दर्शकों में भी नाराजगी है।
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं पहुंचते
गौरतलब हो कि जिले में नेहरू स्र्पोटिंग क्लब व जिला प्रशासन के तत्वावधान में होने वाला अखिल भारतीय स्वर्ण कप हॉकी टूर्नामेंट देश में नंबर दो पर होने के बावजूद जिले को अब तक एस्ट्रोटर्फ की सौगात नहीं मिल पाई है। वहीं समीपस्थ जिला सिवनी में एस्ट्रोटर्फ मैदान बन गया है। जिले में टर्फ मैदान नहीं होने से जिले के खेलप्रेमी दर्शकों को अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों का खेल देखने नहीं मिल पाता है। नेहरू स्र्पोटिंग क्लब व हॉकी खिलाडिय़ों द्वारा कई बार एस्टोटर्फ मैदान बनाने शासन-प्रशासन से मांग की गई। लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा रहा है।
कैसे निखरेगी प्रतिभा
शासन द्वारा खेल को बढ़ावा देने काफी सुविधाएं दी जा रही है। लेकिन जिले के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते जिले के खिलाडिय़ों को खेल के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं मिल रही है। जिले में मैदान व खेल प्रशिक्षक सहित अन्य संसाधनों की कमी है। ऐसे में जिले की प्रतिभा कैसे निखरेगी ये चिंतनीय है।
इनका कहना है
एस्टोटर्फ को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे जिले के खिलाडिय़ों में निराशा है। टर्फ मैदान में होने वाली प्रतियोगिता में खेलने में जिले के खिलाडिय़ों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
विजय वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष हॉकी संघ
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