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दिव्यांगजनों से बैंकों में हो रहा है अमानवीय व्यवहार

locationबालाघाटPublished: Dec 20, 2018 06:02:11 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

रिर्जव बैंक की गाइड लाइन का बैंक अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर रहे पालन

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दिव्यांगजनों से बैंकों में हो रहा है अमानवीय व्यवहार

बालाघाट/कटंगी. शहर की सभी राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंक शाखाओं में वृद्धजनों व दिव्यांगजनों को मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताडि़त किया जा रहा है। दरअसल, रिर्जव बैंक (आरबीआई) ने करीब ड़ेढ साल पहले एक अधिसूचना जारी की है जिसके तहत 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, दृष्टि बाधित व्यक्तियों और दिव्यांगों को घर बैठे बैंकिंग सुविधाएं देने के निर्देश है। लेकिन देखने में आ रहा है कि बैंक, बैंक कर्मचारियों की कमी का हवाला देकर बैंकिग सुविधाएं देने से साफ इंकार कर रहे है, जिसके चलते 80 साल के वृद्धजनों को मात्र 500 रुपए की पेंशन लेने के लिए बैंक आकर कतार में लगना पड़ रहा है। जहां बैंक कर्मचारी वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के साथ बड़ा ही अमानवीय व्यवहार कर रहे है। अमूमन ऐसी तस्वीर रोज बैंक के भीतर व बाहर देखने को मिल रही है। मगर, जागरूकता की कमी के चलते कोई भी नागरिक वृद्धजनों को उनका अधिकार दिलाने के लिए आवाज नहीं उठा रहा है।
यह है निर्देश
बता दें कि रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों के लिए नकदी, चेक या पैसे के लेनदेन की सुविधा बैंक कर्मचारियों को उनके निवास स्थान पर पहुंचा कर देना है। दिव्यांगों की परेशानी को देखते हुए ही केंद्रीय बैंक ने बैंकों से ऐसे सभी ग्राहकों के लिए आधारभूत बैंकिंग सुविधाएं उनके घर तक पहुंचाने को कहा था। लेकिन शहर का कोई भी बैंक इस पर अमल नहीं कर रहा है। हालांकि, प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों ने जगह-जगह ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से अपना प्रतिनिधि रखा है जिनसे लोग पेंशन सहित अन्य योजनाओं की राशि प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन इन केंद्रों से राशि प्राप्त करने के लिए बैंक खाते का आधार से लिंक होना जरूरी है जिसके लिए मारफे डिवाईस से अंगूठा निशान का मिलान किया जाता है। तभी आहरण कर भुगतान हो पाता है लेकिन 65 से अधिक उम्र के अधिकांश वृद्ध लोगों के हाथ की अंगुलियों की रेखाएं घिस चुकी हैं जिसके कारण डिवाईस अंगुलियों की निशान लिए जाने पर आधार से मैच नही हो पाती जिससे इन ग्राहक सेवा केन्द्र में उनके खाते से राशि आहरण का प्रोसेस आगे नही बढ़ता और लोगों को इन केंद्रों से भुगतान की सुविधा नही मिल पाती।
वृद्ध बैंक आने-जाने में सक्षम नहीं
राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन में जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है उन्हें 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। जिन्हें इस पेंशन का लाभ मिलना है उनमें से ज्यादातर लोग चलने फिरने में सक्षम नही होते है। लेकिन फिर भी यह पेंशन के लिए बैंक या कियोस्क एवं सीएससी तक जाते है। बैंक से इन्हें यह कहकर कियोस्क भेजा जाता है कि वहां अंगूठा लगाकर पैसे निकाल लो लेकिन जब यह कियोस्क जाते है तो वहां अंगूठे का मिलान ही नहीं होता। जो इन वृद्ध जनों के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है।
बैकिग लोकपाल से कर सकते हैं शिकायत
बैंकों को दिव्यांग तथा 70 वर्ष से अधिक उम्र के ग्राहकों को घर पहुंच कर जो सेवाएं देनी है उनमें खाते में पैसा जमा करना, खाते से पैसा निकालना, डिमांड ड्राफ्ट की डिलीवरी, चेकबुक की डिलीवरी, केवाईसी दस्तावेज जमा कराना, जीवित होने का प्रमाणन जैसी सुविधाएं शामिल है अगर बैंक ग्राहकों को यह सुविधाएं मुहैया नहीं कराती तो ऐसे ग्राहक बैंकिंग लोकपाल रिजर्व बैंक में अपनी लिखित शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करवा सकते हैं।
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