बालाघाट

अस्पताल में नहीं चिकित्सक, मरीज परेशान

तिरोड़ी के ग्रामीणों ने निकाली विरोध रैली-

बालाघाटFeb 24, 2019 / 09:26 pm

mukesh yadav

अस्पताल में नहीं चिकित्सक, मरीज परेशान

कटंगी/तिरोड़ी। क्षेत्र की मॉयल नगरी तिरोड़ी के ग्रामीणों ने अस्पताल में चिकित्सक का पद लंबे अर्से से रिक्त होने पर गत दिवस तिरोड़ी नगर में विरोध रैली निकालकर आक्रोश प्रकट किया। सरपंच आनंद बरमैया एवं मानव एकता संस्था अध्यक्ष जीतू अहीर के आह्वान पर इस रैली का आयोजन किया गया। गौरतलब हो कि उपस्वास्थ्य केन्द्र तिरोड़ी में करीब डेढ़ साल से चिकित्सक का पद खाली पड़ा है। सरकारी अस्पताल कटंगी में पदस्थ चिकित्सक डॉ. कमलेश झोड़े को तिरोड़ी अस्पताल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा भी सिविल अस्पताल वारासिवनी का उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वह कहीं भी अपनी सतत सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं।
बहरहाल, तिरोड़ी में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमरा चुकी है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और नेता खामोश बैठे तमाशा देख रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर शीघ्र ही चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की गई तो अनुविभाग स्तर पर वृहद आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सारी जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी।
नहीं मिल रहा स्वास्थ्य लाभ
क्षेत्र के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में महिला चिकित्सक के ना होने का खामियाजा महिला मरीजों को उठाना पड़ रहा हैं, साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी भी बनी हुई है। क्षेत्रवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजबूरन लोगों को तुमसर, बालाघाट, भंडारा, गोंदिया और नागपुर जाकर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज करवाना पड़ रहा है।
बड़ी संख्याा में पहुंच रहे मरीज
इधर, अचानक से मौसम में बदलाव आने से मलेरिया, उल्टी दस्त, बुखार आदि मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बड़ी संख्या में प्रतिदिन सुबह व शाम के समय मरीज अपना उपचार कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटंगी में ही प्रतिदिन करीब 100 मरीज विभिन्न मौसमी बीमारी से पीडि़त होकर अपना उपचार कराने चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। ग्रामीण अंचलों की हालत बहुत ही खराब है। डॉक्टर और स्टॉफ की बनी हुई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही वार्ड ब्वाय, फार्मासिस्ट सहित अन्य पद रिक्त हैं। इस संबंध में विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा करने पर वह केवल रटा-रटाय जवाब देते हैं। वहीं नेता भी पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आते हैं।
इनका कहना है।
मेरी पदस्थापना कटंगी अस्पताल में है मुझे तिरोड़ी और वारासिवनी की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालाकिं फिर भी मैं मरीजों को सेवाएं देने की कोशिश करता हूॅ।
डॉ कमलेश झोडे, चिकित्सक तिरोड़ी

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