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डॉक्टर-डे पर विशेष -निशुल्क शिविर लगाकर बैगा आदिवासियों का करते हैं उपचार

locationबालाघाटPublished: Jun 30, 2022 10:41:28 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

क्लीनिक में किसी भी मरीज से नहीं लेते हैं शुल्कडॉ. सेवलानी अभी तक लगा चुके हैं 196 शिविरराष्ट्रीय प्रेरणा अवार्ड, शांति ग्लोबल पुरस्कार से भी हो चुके हैं सम्मानित

डॉक्टर-डे पर विशेष -निशुल्क शिविर लगाकर बैगा आदिवासियों का करते हैं उपचार

डॉक्टर-डे पर विशेष -निशुल्क शिविर लगाकर बैगा आदिवासियों का करते हैं उपचार

बालाघाट. गरीब बैगा आदिवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और उनकी सेवा करना ही मुख्य उद्देश्य है। राष्ट्रीय प्रेरणा अवार्ड, शांति ग्लोबल पुरस्कार से सम्मानित हो चुके आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी ने जिले के आदिवासी अंचल में अभी तक 196 निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर चुके हैं। इस शिविर के माध्यम से डॉ. सेवलानी ने हजारों बैगा आदिवासियों का न केवल निशुल्क उपचार किया। बल्कि दवाओं का वितरण भी किया। निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का उनका यह अभियान अभी भी जारी है।
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. रमेश सेवलानी ने बताया कि उन्होंने आयुर्वेद रत्न और डीएमएलटी की डिग्री प्राप्त की है। वर्ष 1990 से वे लगातार इस क्षेत्र में सक्रिय है। वर्ष 1998 से उन्होंने आदिवासी अंचलों में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजन करना प्रारंभ किया था, जो लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001-2002 में अमेड़ा गांव में अपना क्लीनिक खोला था। प्राकृतिक आपदा के चलते इस क्लीनिक को बंद करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर क्लीनिक का संचालन किया। मौजूदा समय में उपनगरीय क्षेत्र सरेखा कोसमी में अपने क्लीनिक का संचालन करते हैं। क्लीनिक में पहुंचने वाले मरीजों से वे आज भी किसी तरह का शुल्क नहीं लेते हैं। उनका कहना है कि वे गोदरी के एक मरीज के उपचार और सहयोग को ताउम्र नहीं भूला सकते। उन्होंने बताया कि जलने के कारण उसके दोनों पैर के घुटने चिपक गए थे। जिसे बाद में उनके प्रयास से शासकीय अस्पताल बालाघाट में ऑपरेशन कराकर उसे चलने के लायक बनाया गया। यह पल उनके जीवन में अविस्मरणीय बना हुआ है।
वैद्य से मिली से सेवा करने की प्रेरणा
डॉ. सेवलानी बताते हैं कि उन्हें समीपस्थ ग्राम चचानमेटा निवासी वैद्य बारकिया बाबा से उन्हें गरीबों की सेवा करने की प्रेरणा मिली। बारकिया बाबा फिलहाल इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनका मिशन डॉ. सेवलानी पूरा कर रहे है। उन्होंने बताया कि बारकिया वैद्य जड़ी-बुटी के माध्यम से लोगों का उपचार करते थे। वे किसी सेे पैसा नहीं मांगते थे।
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