पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में डॉक्टरों ने की काम बंद हड़ताल
बालाघाटPublished: Jun 17, 2019 09:10:09 pm
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आव्हान पर 17 जून को डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल किया।
पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में डॉक्टरों ने की काम बंद हड़ताल
बालाघाट. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आव्हान पर 17 जून को डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल किया। जिसके चलते प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा काम बंद कर पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना का विरोध किया। इस हड़ताल में आवश्यक सेवाओं के तहत मरीजों का डॉक्टरों द्वारा उपचार किया गया।
गौरतलब हो कि डॉक्टरों की हड़ताल का जिले में प्रभावी असर दिखाई नहीं दिया। जिला अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर नहीं रहे जिससे ओपीडी सुविधा प्रारंभ रही। निजी अस्पतालों में भी गंभीर मरीजों की जांच कर भर्ती लिया गया। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम दिखाई दी।
इस संबंध में आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ. अनिता पाराशर ने बताया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में 14 जून को काली पट्टी बांध काम किया गया। 17 जून को सभी डॉक्टरों ने काम बंद हड़ताल किया। आईएमए ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएंगा। निजी अस्पतालों में महज गंभीर मरीजों का उपचार किया गया लेकिन ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। वहीं डॉ. बीएम शरणागत ने कहा कि आईएमए के आव्हान पर बालाघाट के डॉक्टरों द्वारा भी सांकेतिक हड़ताल की गई जो सफलता पूर्वक संपन्न हुई। शासकीय डॉक्टरों द्वारा भी सांकेतिक रूप से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की इस हड़ताल का समर्थन किया गया। लेकिन शासकीय अस्पतालों में ओपीडी प्रांरभ रही। उन्होंने कहा कि शासन डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई एक्ट बनाए व शासन द्वारा डॉक्टरों को सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया जाए।
इस दौरान प्रमुख रूप से डॉ. बीएम शरणागत, डॉ. पंकज महाजन, डॉ. सीके पारधी, डॉ. चन्द्रशेखर चतुरमोहता, डॉ. पाराशर, डॉ. रागिनी पारधी, डॉ. सजंय शुक्ला, डॉ. केदार शास्त्री, डॉ. प्रवीण ज्योतिषी, डॉ. कृतिका शास्त्री सहित अन्य शामिल रहे।