बालाघाट. नगर के हनुमान चौक समीप स्थित दुर्गा माता मंदिर अटूट आस्था का केन्द्र बना हुआ है। मंदिर में नवरात्र पर्व पर विविध आयोजन होते हैं। मंदिर में पहुंचने वाले भक्तों की झोली कभी भी दरबार से खाली नहीं जाती है। मंदिर में नवरात्र पर्व के अलावा रोजाना श्रद्धालु मातारानी की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।
मंदिर समिति के पदाधिकारी संजय कोहली ने बताया कि प्रतिवर्ष नवरात्र पर्व पर विविध धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। पूरे नौ दिनों तक सुबह-शाम मातारानी की आराधना होती है। देवी गीतों, भजनों की प्रस्तुति दी जाती है। अष्टमी के दिन हवन-पूजन सहित अन्य आयोजन किए जाते हैं। नवमीं को कन्या पूजन किया जाता है। वहीं मंदिर में प्रज्जवलित किए गए ज्योतिकलशों की शोभायात्रा निकालकर उनका विसर्जन किया जाता है। उन्होंने बताया कि मंदिर में दूर-दूर से भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं। मान्यता है कि माता के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है।
भक्तों के सहयोग से मंदिर का हुआ निर्माण
समिति पदाधिकारी ने बताया कि 25 वर्ष पूर्व श्रद्धालु, भक्तों के सहयोग से नवरात्र पर्व पर मातारानी की प्रतिमा स्थापित की जाती थी। 9 दिन बाद उसका विसर्जन कर दिया जाता था। जिसके बाद यहां पर सूनापन लगता था। जिसके चलते सभी भक्तों ने आपस में चर्चा कर मंदिर निर्माण और मातारानी की प्रतिमा स्थापना का निर्णय लिया। श्री खंडेलवाल ने मातारानी की प्रतिमा भेंट की। अन्य भक्तों के आर्थिक सहयोग से मंदिर का निर्माण कराकर मातारानी की प्रतिमा की स्थापना की गई। तब से लेकर आज तक इस मंदिर में नवरात्र पर्व भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है।
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