भवन में निर्माण में लापरवाही का लग रहा ग्रहण
बालाघाटPublished: Nov 20, 2022 08:02:32 pm
आदिवासी अंचल ककईटोला आंगनवाड़ी भवन निर्माण का मामला
अधूरा निर्माण के बाद बंद कर दिया गया है निर्माण
इधर किराए के भवन में संचालित हो रही आंगनवाड़ी


भवन में निर्माण में लापरवाही का लग रहा ग्रहण
बालाघाट/उकवा. नौनिहालों को पक्की छत मुहैया कराने शासन ने आदिवासी अंचलों में निर्माण कार्य तो स्वीकृत किए हैं। लेकिन संबंधित निर्माण एजेंसी ऐसे निर्माण कार्यो में लापरवाही का ग्रहण लगाने का कार्य कर रही हैं। ताजा मामला बैहर क्षेत्र की लीलामेटा पंचायत का सामने आया है। बताया गया कि यहां दो आंगनवाड़ी केन्द्र पिछले 15 वर्षो से किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं। शासन ने दोनों ही केन्द्रों के पक्के भवन बनाए जाने राशि भी स्वीकृत कर निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया है। लेकिन अब निर्माण एजेंसी कच्छपगति और निर्माण कार्य बंद कर शासन प्रशासन के प्रयासों को पलीता लगाने का काम कर रही हैं।
2021 में स्वीकृत हुए भवन
बताया गया कि महिला बाल विकास परियोजना बैहर के लीलामेटा पंचायत में सन 2021 में साढ़े 09, साढ़े 09 लाख की लागत के दो आंगनवाड़ी भवन लीलामेटा और ककईटोला में स्वीकृत किए गए हैं। इन भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी पंचायत को सौंपी गई है। लेकिन पंचायत ने इन कार्यो को ठेके पर देकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली गई है। अब संबंधित ठेकेदार निर्माण कार्य में पलीता लगाने का कार्य कर रहा है।
दो भवन में एक अपूर्ण
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार ठेकेदार ने कॉलम खड़ाकर स्लेप हाइट तक दीवार खड़ी करने के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। इस मामले की शिकायत पंचायत में करने पर पंचायत लीलामेटा केन्द्र का ठेका किसी अन्य को देकर उसका निर्माण कार्य तो पूरा करवा दिया गया। लेकिन ककईटोला आंगनवाड़ी भवन अब भी अधूरे में बंद पड़ा हुआ है। बताया गया कि ककईटोला भवन के लिए पंचायत ने ठेकेदार को करीब दो लाख 80 हजार रुपए की राशि भी जारी कर दी है। बावजूद इसके निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। अधूरा निर्माण भी अब देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहा है और खड़ी की गई दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो रही है।
आठ माह से नहीं मिला किराया
इधर ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा भवन मालिक को भुगतना पड़ रहा है। ककईटोला आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन मालिक घुनेर सिंह तेकाम ने बताया कि उसके घर में आंगनवाड़ी का संचालन किया जा रहा है। इसके एवज में उसे 300 रुपए प्रति माह किराए के रूप में दिया जाता है। लेकिन अब पिछले 08 माह से उसे किराए का भुगतान भी नहीं किया गया है। ऐसे में वह अब भवन खाली करवाए जाने का मन बना रहा है। घुनेर ने बताया कि शायद नए भवन निर्माण के कारण ही उसका भुगतान रोका गया है। जबकि नया भवन अभी पूरा भी नहीं हो पाया है। ऐसे में यदि वह भवन खाली करवाता है तो आंगनवाड़ी केन्द्र व बच्चे सडक़ पर आ जाएंग। घुनेर सिंह ने भी शीघ्र ही पूरा किराया भुगतान किए जाने की मांग की है।
वर्सन
निर्माण कार्य शुरू करने पर लगा था कि अब शीघ्र ही किराए के भवन से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन निर्माण कार्य पिछले पांच छह माह से बंद कर दिया गया है। पक्के भवन का सपना इस वर्ष भी पूरा होते नहीं दिख रहा है। शीघ्र ही निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना चाहिए।
चंपी वलके, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता