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संग्रहालय के अध्यक्ष को धमका रहे अतिक्रमणकारी

locationबालाघाटPublished: Sep 27, 2020 09:50:15 pm

Submitted by:

mukesh yadav

अतिक्रमणकारियों की सीना जोरीसंग्रहाध्यक्ष ने नपा व यातायात विभाग में की शिकायत नपा की लापरवाही से अतिक्रमण कारियों के बढ़े हौसलेअब अतिक्रमण हटवाने पुन: कलेक्टर से आस

संग्रहालय के अध्यक्ष को धमका रहे अतिक्रमणकारी

संग्रहालय के अध्यक्ष को धमका रहे अतिक्रमणकारी

बालाघाट. कई बार फुटकर व्यापारियों को समझाईश, पत्र व्यवहार और जिला प्रशासन से गुहार से अतिक्रमण कारियों के टारगेट में आए संग्रहाध्यक्ष पर अब अतिक्रमण कारी धमका रहे हैं। रविवार को भी कुछ ऐसा ही वाक्या सामने आया। पुरातत्व शोध संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र सिंह गहरवार के अनुसार रविवार को संग्रहालय में उनके द्वारा अन्य पदाधिकारियों के साथ विश्व पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम समाप्ती के बाद जब वे बाहर आए तो अचानक ही एक महिला अतिक्रमण कारी द्वारा उन पर चढ़ाई करते हुए बदतमीजी की गई। वहीं बुरा भला भी कहा गया। इस दौरान गहरवार ने कई बार महिला को समझाईश देने के प्रयास किए गए। लेकिन फुटकर अतिक्रमणकारी महिला द्वारा गहरवार को देख लिए जाने तक की धमकी दे डाली। महिला के ऐसे दुस्साहस से हदप्रद व भयभीत गहरवार ने उसके मुंह न लगते हुए जिम्मेदार नपा व यातायात विभाग में इस मामले की शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार शासन के नियमों के बावजूद जिले की धरोहर पुरातत्व शोध संग्रहालय के सामने नित्य फुटकर अतिक्रमणकारी अपनी दुकानें लगा लेते हैं। शाम होते-होते संग्रहालय इन फुटकर सब्जी, फल आदि की दुकानें से ढक जाता है। ऐसे में संग्रहालय व यहां रखी गई धरोहरों का अवलोकन करने पहुंचने वालें पर्यटन व पुरातत्व प्रेमियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गहरवार के अनुसार कभी-कभी अतिक्रमणकारी संग्रहालय के गेट के सामने तक दुकानें लगा लेते हैं। वहीं मना करने पर हाथापाई करने में उतारू हो जाते हैं। इस कारण वे उन्हें कुछ समझा नहीं पाते हैं। वहीं दर्जनों बार शिकायत के बावजूद इस भीषण होती अतिक्रमण की समस्या का अधिकारी स्थाई रूप से समाधान नहीं करते हैं। कुछ माह पूर्व कलेक्टर द्वारा इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की गई थी। लेकिन अब नपा की उदासीनता के कारण अतिक्रमण पुन: जैसे के तैसा हो गया है। यहां तक की संग्रहालय के पीछे स्थित उत्कृष्ट स्कूल के सामने तो पूरा कपड़ा मार्केट लगने लगा है। इस कारण स्कूल की गरिमा भी प्रभावित हो रही है।
पर्यटकों को हो रही परेशानी
संग्रहाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह गहरवार के अनुसार इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय में नित्य शोधार्थी सहित पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन अतिक्रमण के कारण इन शोधार्थियों और पर्यटकों को बेजा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उनके पास कई बार ऐसी शिकायतें भी आई। खासकर छुट्टी के दिन संग्रहालय में लोग पहुंचते हैं। जिनके द्वारा नेरोगेज बोगी के डिब्बे का लुत्फ उठाया जाता है। लेकिन फुटकर दुकानों के कारण पार्किंग, प्रवेश द्वार से आवागमन सहित विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस कारण उनके द्वारा लगातार ऐसी फुटकर दुकानों को अन्यंत्र लगाए जाने का आवेदन निवेदन किया जाते रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हवा में कलेक्टर के निर्देश
संग्रहाध्यक्ष गहरवार की माने तो शासन के नियमानुसार संग्रहालय के समक्ष किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है। वहीं कलेक्टर द्वारा भी पूर्व में नपा के जिम्मेदारों को अतिक्रमण न होने देने संबंधी निर्देश दिए गए थे। लेकिन नपा के जिम्मेदार स्वयं ५ व १० रुपए की पर्ची काटकर शुल्क वसूलकर ऐसे फुटकर अतिक्रमण कारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। खासकर संग्रहालय जैसे विरासत के सामने अतिक्रमण नहीं बसाया जाना चाहिए।
वर्सन
एक समय था जब पुरातत्व संग्रहालय के सामने दुकानें लगाने की कोई हिम्मत नहीं करता था। पुरातत्व संग्रहालय के महत्व को समझता था। आज परिस्थिति बिल्कुल बदल गई। अब तक अतिक्रमण कारी धमकाने लगे हैं। हमने शिकायत की है। लेकिन कार्रवाई होगी भी या नहीं पता नहीं।
डॉ वीरेन्द्र सिंह गहरवाल, संग्रहालय अध्यक्ष
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