बालाघाट

अमानक चावल सप्लाई मामले की जांच करने पहुंची ईओडब्ल्यू की टीम

मिलर्स के दस्तावेजों की जांच कर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट, वर्ष 2014-15 में भी जिले के मिलर्स ने प्रदान किया था अमानक चावल, कटंगी के गोदाम में रखे-रखे लग गई थी इल्लियां

बालाघाटSep 04, 2020 / 10:25 pm

Bhaneshwar sakure

अमानक चावल सप्लाई मामले की जांच करने पहुंची ईओडब्ल्यू की टीम

बालाघाट. जिले में मिलर्स द्वारा अमानक चावल की सप्लाई किए जाने का कोई नया मामला नहीं है। इसके पूर्व भी मिलर्स द्वारा वर्ष 2014-15 में सप्लाई किया गया करीब १३ करोड़ रुपए का 51 हजार क्विंटल चावल कटंगी के गोदाम रखे-रखे पूरी तरह से सड गया था। चावल में इल्लियां लग गई थी। चावल किसी उपयोग के लायक का नहीं बचा था। इतन ही नहीं यह चावल जानवरों के उपयोग के लायक भी नहीं बचा था। मिलर्स द्वारा सप्लाई किए गए इस चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरण के पूर्व ही रोक लगा दी गई थी। इधर, मामले का खुलासा होने के बाद तत्कालीन प्रदेश सरकार ने पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। जिसमें संयुक्त संचालक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग भोपाल, नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल, मार्कफेड भोपाल, वेयर हाउस भोपाल व अन्य को शामिल किया गया था। लोकल स्तर पर बालाघाट से अपर कलेक्टर को शामिल किया गया था। टीम ने जांच की, लेकिन मिलर्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। केवल कुछेक अधिकारी व कर्मचारियों को जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इतने बड़े पैमाने में मिलर्स द्वारा अमानक चावल की सप्लाई किए जाने के बाद भी न तो प्रदेश सरकार ने सबक लिया और न ही विभागीय अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया था। बाद में इस चावल को बहुत ही कम दामों में शराब कारोबारियों को बेच दिया गया। जानकारी के अनुसार वर्ष २०१५ में कस्टम मिलिंग के तहत राइस मिलर्स से चावल तो ले लिया गया। लेकिन यह चावल अमानक स्तर का होने के कारण इसका वितरण नहीं किया गया। जिसका वर्ष 2015 से ही कटंगी मुख्यालय में गोदामों में भंडारित कर दिया गया था। कटंगी के गोदामों में 103822 बोरों में 51840 क्विंटल चावल को भरकर भंडारित किया गया था। जो कि गोदाम में रखे-रखे सड गया था।
इधर, एक बार फिर से जिले में मिलर्स द्वारा कोरोना काल में अमानक चावल की सप्लाई कर दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा जांच किए जाने के बाद इसका खुलासा हुआ। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद प्रदेश सरकार एक्शन में आई। अब इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। ईओडब्ल्यू की टीम बालाघाट पहुंच चुकी है, जो मिलर्स से प्राप्त दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर रही है। इसके पूर्व प्रदेश सरकार ने जिले के 18 राइस मिलर्स और 9 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने के निर्देश भी दिए है। वहीं इन 18 राइस मिलों को सील कर दिया गया है।
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