scriptEven today the child goes to school riding a horse | आज भी घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है बालक | Patrika News

आज भी घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है बालक

locationबालाघाटPublished: Nov 19, 2022 10:41:22 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

रोजाना आवागमन में तय करता है आठ किमी की दूरी
परसवाड़ा तहसील के खैरलांजी गांव का है युवक

आज भी घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है बालक
आज भी घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है बालक
बालाघाट. आज के इस आधुनिक युग में विद्यार्थी स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल, बाइक या अन्य वाहन का उपयोग करते हैं। लेकिन जिले की परसवाड़ा तहसील के ग्राम खैरलांजी का कक्षा छठवीं का छात्र ललित कुमार कड़ोपे आज भी स्कूल आने-जाने के लिए पुरातन समय के वाहन घोड़े का उपयोग करता है।
गरीब परिवार का ललित शासकीय माध्यमिक शाला खैरलांजी में कक्षा छठवीं का छात्र है। वह अपने नाना-नानी के घर रह कर पढ़ाई कर रहा है। उसके नाना-नानी का घर खेत में होने के कारण उसके स्कूल की दूरी 4 किलोमीटर पड़ती है। पढ़ाई करने के लिए हर दिन 4 किलोमीटर जाना और वापस 4 किलोमीटर आना ललित के लिए कठिनाइयों भरा सफर होता था। छात्र ललित में पढ़ाई करने और आगे बढऩे की ललक के कारण वह इस कठिनाई को सुगम बनाना चाहता था। ललित के नाना-नानी के पास घोड़ा है। ललित ने इसी घोड़े को स्कूल आने जाने के लिए अपना वाहन बना लिया है।
ललित हर दिन अपने घोड़े पर सवार होकर बड़ी शान से स्कूल जाता है। स्कूल पहुंचकर पास के मैदान में वह घोड़े को बांध देता है। घोड़ा मैदान में चरते रहता है। ललित स्कूल की छुट्टी होने पर वापस घोड़े पर सवार होकर घर लौट आता है। आधुनिक युग में किसी छात्र को घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाते देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
जिपं के परियोजना अधिकारी संदीप चौधरी गत दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों के सत्यापन के लिए खैरलांजी पहुंचे थे। तभी उनकी मुलाकात घोड़े पर सवार होकर स्कूल जा रहे छात्र ललित से हो गई। उन्होंने ललित से घोड़े पर स्कूल जाने का कारण पूछा। ललित ने बिना किसी हिचक के बताया कि पढऩा है तो कुछ करना ही पड़ेगा। इसी ललक के लिए उसने घोड़े को स्कूल आने जाने के लिए अपना वाहन बना लिया।
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