scriptकिसान धान की बंपर पैदावार के बाद भी नहीं बेच पाए उपज | Farmers were unable to sell the produce even after paddy yield | Patrika News

किसान धान की बंपर पैदावार के बाद भी नहीं बेच पाए उपज

locationबालाघाटPublished: Jan 16, 2020 08:26:29 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

अन्नदाता कर रहा धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग

किसान धान की बंपर पैदावार के बाद भी नहीं बेच पाए उपज

किसान धान की बंपर पैदावार के बाद भी नहीं बेच पाए उपज

बालाघाट. कटंगी क्षेत्र में इस साल धान की बंपर पैदावार हुई है। बावजूद इसके सरकार की नीतियों के चलते किसान अब तक समर्थन मूल्य पर अपनी उपज नहीं बेच पाया है। अब खरीदी के लिए 3 दिन शेष रह गए है और किसानों के पास धान यथावत रखा हुआ है। जिसके चलते अन्नदाता किसान सरकार से खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहा है। सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। अगर, सरकार ने शीघ्र ही तारीख बढ़ाने का ऐलान नहीं किया तो सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी उपज बेचने से वंचित रह जाएंगे। सबसे बुरा हाल पठार अंचल के किसानों का है। गत दिनों बेमौसम की बारिश की वजह से किसान समय पर खरीदी केन्द्र तक फसल नही पहुंचा पाए थे। जिसके बाद से लगातार किसान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे है। बोरीखेड़ा, टेकाड़ी, कालीमाटी, लिंगापौनार, बिछवा, चांदाडोह, सीतापठोर, जोगाटोला, के किसानों ने क्षेत्रीय विधायक और कलेक्टर का समस्या की ओर ध्यानाकर्षण कराया है। वहीं समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि बढ़ाए जाने की मांग की है।
कृषक गोमेश्वर पटले, खेमराज हरिनखेड़े, अजय शिव, बालकराम टांगसे, ज्ञानीराम काडे, श्रवन टेम्भरे, तेजराम कोकोडे आदि ने बताया कि टेकाडी खरीदी केन्द्र में समय कम होने के कारण बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंच रहे हैं। जिस कारण से केन्द्र में बहुत धान जमा हो गई है। धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है। किसानों की माने तो बारिश के बाद जब वह अपनी उपज केन्द्रों में लेकर पहुंचे तो धान खराब बताकर लौटा दिया गया। कई बार अधिक नमी बताई गई, जिससे वापस धान को घर ले जाकर खुले में सुखाना पड़ा। जिसकी वजह से किसानों को धान बेचने में देरी हुई है। किसानों ने कहा कि पूर्व की सरकार किसानों का धान समय पर खरीदती थी कई बार अक्टूबर व नवंबर की पहली तारीख से ही धान की खरीदी शुरू कर दी जाती थी। बेचने के लिए भी फरवरी तक का समय दिया जाता था। इस वर्ष तो एक माह लेट से खरीदी शुरू की गई और अंतिम तारीख भी नहीं बढ़ाई जा रही है। किसानों ने सरकार से जल्द खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग की है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है।

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