मवेशियों के लगातार शिकार से ग्रामींण क्षेत्रों में भय
बालाघाटPublished: Feb 24, 2020 09:16:16 pm
ग्रामींणों व विभाग की बैठक में दो दिवस में तीन पिंजरे लगाने का निर्णयकर्मचारी भी, चौकसी व गस्त में जाने से डर रहे
मवेशियों के लगातार शिकार से ग्रामींण क्षेत्रों में भय
वारासिवनी. जिले में तेज गति से बढ़ रही हिंसक प्राणियों की संख्या अब मानव जीवन के लिए भय का कारण बनते जा रही है। वन परिक्षेत्र वारासिवनी के रमरमा से लगे जंगलों के कारण पहले चीतल, जंगली सूकर व लाल मुंह के बंदरों के आंतक से ग्रामींण परेशान थे। अब तो हिसंक वन्य प्राणियों में बाघ व तेंदूए की आमद से उनका जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हिसंक प्राणी बाघ ने एक पखवाड़े में पांच गाय का शिकार किया। वहीं तेंदूए ने तो दिन में गांव के घरों में आकर बकरीयों को तक मारने का कार्य कर सभी को भयभीत कर दिया है।
सोमवार को हिसंक प्राणियों के लगातार हमले से भयभीत लगभग एक सैकड़ा नगझर व नांदगांव के ग्रामीणों ने तत्काल वन परिक्षेत्र अधिकारियों को नगझर में बुलाकर अपनी तकलीफो से अवगत कराया। ग्रामीणों की मुख्य मांग हिसंक प्राणियों की उपस्थिति वाले ग्रामों में पिंजरा लगाकर बाघ व तेदूए को पकडऩे की थी। ग्रामीणों की मांग पर वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने भी दो दिवस के भीतर तीन पिंजरे लगाकर हिसंक प्राणियों को पकडऩे की बात कही है।
घरों के भीतर से ले जा रहे बकरियां
एक पखवाड़ा पूर्व सिरपुर, नांदगांव, व नगझर के एकदम निकट पांच पालतू गाय को एक बाघ ने अपना शिकार बनाया है। वहीं एक गाय घायल अवस्था में मिली है। इसी तरह अब नगझर व नांदगाव में घरों में रात में बकरियों के मृत मिलने से सनसनी फैल गई है। बाघ का खतरा सिर पर था ही अब एक तेदूए की उपस्थिति ने ग्रामीणों को हलाकान कर दिया है। जानकारी के अनुसार 12 बकरियों का शिकार हिसंक प्राणी ने इन ग्रामों में घरों के भीतर तक आकर किया है। दो दिवस पूर्व नगझर के संतोष कटरे के घर से बकरी को घर से ले जाकर हिंसक प्राणी ने निकट के जंगल में खाने का कार्य किया। वही रविवार को धनेन्द्र आबांडरे के घर में बकरी को मारकर अपनी प्रत्यक्ष उपस्थिती दर्ज कराई है। कैमरे में एक बाघ की फोटो भी गाय को खाते हुई आई है।
विशेषज्ञ लगाएंगे पिंजरा
बैठक की जानकारी देते हुए वन परिक्षेत अधिकारी यशपाल मेहरा ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर दो दिवस के भीतर पिंजरा लगाकर हिंसक प्राणियों को पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय उद्यान से विशेषज्ञो को बुलाकर पिंजरा किस जगह लगाना है यह तय किया जा रहा है। हिंसक प्राणियों को पकड़कर कान्हा में छोड़ा जाएगा।