अनुभूति कार्यक्रम में प्रकृति को नजदीक से किया महसूस-
बालाघाटPublished: Jan 08, 2018 01:07:57 pm
वनों का हर नर नारी से गहरा संबंध
बालाघाट. प्रकृति, वन एवं वन्य प्राणी से स्कूली बच्चों को सीधे जोड़ते हुए उनके संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से ईको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा आयोजित अनुभूति कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों ने शनिवार को वृहद सिंचाई परियोजना राजीव सागर बांध तथा गोरेघाट सर्किल के कक्ष क्रमांक 577 में जंगल का भम्रण किया।इ वनमंडलाधिकारी के निर्देशन तथा उपवनमंडलाधिकारी एलके वासनिक के मार्गदर्शन एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी हिमांशु राय के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें शासकीय उमावि महकेपार तथा गोरेघाट के 125 विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में महकेपार सरपंच कविता लच्छु अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रुप में पहुंची।
कार्यक्रम में जंगल का भम्रण कराते हुए विद्यार्थियों को जंगलों की जैवविविधता से परिचित कराने के साथ उनके संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराया गया। जंगल में विद्यार्थियों को पेड़-पौधों की विभिन्न प्रजातियों एवं उनसे जुड़े तथ्यों फायदों एवं औषधीय उपयोग के बारे में जानकरी दी गईद्ध विश्व वन्यजीव कोष के फील्ड आफिसर इन्द्रभान सिंग तथा राजीव गोप ने बच्चों को एक खेल के माध्यम से प्रकृति संरक्षण तथा जंगलों के महत्व को समझाया और वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित किया।
विजेता हुए पुरस्कृत
अनुभूति कार्यक्रम के दौरान एक सामान्य ज्ञान परीक्षा का भी आयोजन किया गया। जिसमें सभी विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। इस परीक्षा में कुलदीप पाने प्रथम, विनय आशापुरे द्वितीय, मयुरी जामुनपाने तृतीय स्थान पर रही। जिन्हें अतिथियों के हस्ते पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद सभी विद्यार्थियों ने अपने-अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वनों का हर नर-नारी से गहरा संबंध है।
बालाघाट. साहित्य सृजन और हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध मातृ भाषा उन्नयन संस्थान व राष्ट्रीय कवि संगम के संयुक्त तत्वाधान में वारासिवनी के नेहरु चौक में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया था। २०१८ नववर्ष की यह प्रथम गोष्ठी रही। इस दौरान रचनाकारों को भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित भी किया गया।