scriptFirst unseasonal rain wreaks havoc, now wildlife is causing damage | पहले बेमौसम बारिश का कहर, अब वन्य जीव पहुंचा रहे नुकसान | Patrika News

पहले बेमौसम बारिश का कहर, अब वन्य जीव पहुंचा रहे नुकसान

locationबालाघाटPublished: Nov 09, 2022 10:48:59 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

धान, गन्ना की फसल को रौंद रहे वन्य जीव, किसानों को हो रहा नुकसान
किसानों ने की वन्य जीवों की रोकथाम, सर्वे कर मुआवजा दिए जाने की मांग
कटंगी क्षेत्र के पठार अंचल का मामला

पहले बेमौसम बारिश का कहर, अब वन्य जीव पहुंचा रहे नुकसान
पहले बेमौसम बारिश का कहर, अब वन्य जीव पहुंचा रहे नुकसान
बालाघाट. पहले बेमौसम बारिश ने फसलों पर कहर बरसाया। वहीं शेष बची फसल को वन्य जीव नुकसान पहुंचा रहे हैं। रात्रि में खेतों में पहुंचने वाले वन्य जीव फसलों को रौंद रहे हैं। जिससे न केवल फसल पूरी तरह से खराब हो रही है। बल्कि किसानों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। दोनों ही परिस्थिति में किसानों के साथ दोहरे में दो आषाढ़ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इधर, किसानों ने वन्य जीवों की रोकथाम करने, सर्वे कराकर मुआवजा दिए जाने की मांग की है। मामला जिले के कटंगी क्षेत्र के पठार अंचल का है।
जानकारी के अनुसार पठार अंचल के दो दर्जन से अधिक ग्रामों में वन्य जीवों का आतंक बना हुआ है। वन्य जीव रात्रि में खेतों में पहुंचकर गन्ना और धान की फसल को क्षति पहुंचा रहे हैं। जिससे किसानों को काफी क्षति हो रही है। किसानों के अनुसार पूर्व में ही बेमौसम बारिश के चलते बीमारी, कीट व्याधियों के कारण उन्हें काफी नुकसान हो चुका है। वहीं अब वन्य जीव फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन्य जीवों की रोकथाम के लिए उन्होंने अनेक बार वन विभाग से गुहार भी लगाई। लेकिन नतीजा सिफर रहा।
इन गांवों में सर्वाधिक नुकसान
पठारक्षेत्र के दो दर्जन से अधिक ग्रामों में वन्य जीव का आतंक बना हुआ है। जिसमें मुख्य रुप से बोनकट्टा, दिग्धा, कोड़बी, आंजनबिहरी, महकेपार, बम्हनी, गोरेघाट, पुलपुट्टा, तिरोड़ी सहित अन्य ग्राम शामिल है। इन गांवों के किसान वन्य जीवों से फसल के बचाव के लिए प्रयास भी करते हैं। लेकिन नतीजा सिफर रहता है।
सर्वे कराए जाने की मांग
पठार अंचल के आंजनबिहरी के किसान सम्मुखानंद पुष्पतोड़े, बेनीराम पुष्पतोड़े, गिरीश देशमुख, मनोहर गोपाले, ओमकार पुष्पतोड़े, संजय गाडेकर, गणेश पंचतिलक, भाऊदास मेश्राम, ताराचंद पुष्पतोड़े, गणेश सोनवाने, नितेश पुष्पतोड़े, मनोहर पुष्पतोड़े, लीलाधर पुष्पतोड़े सहित अन्य किसानों ने वन्य जीवों से हुई फसल क्षति का सर्वे कराए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि वे मुश्किल से फसल का उत्पादन करते हैं। लेकिन प्राकृतिक आपदा के बाद वन्य जीवों से उन्हें काफी नुकसान होता है। यह समस्या वर्षों से बनी हुई है। लेकिन आज तक इसका स्थायी निराकरण नहीं हो पाया है।
इनका कहना है
रात्रि के समय वन्य जीव खेतों में पहुंचकर फसल को रौंद रहे हैं। जिससे एक दाना भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। पूर्व में अनेक बार इसकी शिकायत की गई है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ।
-गिरीश देशमुख, किसान
पहले बेमौसम बारिश के कारण किसानों को फसल खराब हुई। किसानों ने जैसे-तैसे फसल को पकाकर काटने योग्य तैयार किया तो वन्य जीव उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। दोनों ही परिस्थितियों में किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।
गन्ना उत्पादक किसान भी वन्य जीवों से काफी परेशान है। रात्रि के समय खेतों में पहुंचकर वन्य जीव फसलों को रौंद देते हैं, जो कि उपयोग के लायक ही नहीं होती है। किसानों की इस समस्या को प्रशासन गंभीरता से ले और उसका निराकरण करें।
-गणेश सोनवाने, किसान
-मनोहर गोपाले, किसान
वन्य जीवों की रोकथाम के लिए वन विभाग को प्रयास करना चाहिए। पीडि़त किसानों की फसल क्षति का सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाए। यदि किसानों को मुआवजा नहीं मिलता है तो समिति के बेनर तले आंदोलन किया जाएगा।
-दीपक पुष्पतोड़े, अध्यक्ष, पठार संघर्ष समिति
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