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गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी के भंडारण, व्यापार की लीज निरस्त

locationबालाघाटPublished: Mar 19, 2019 09:13:47 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

भंडारण स्थल, इ-खनिज पोर्टल में उपलब्ध स्टॉक में जांच के दौरान मिला अंतर, खनिज विभाग ने की थी भंडारण स्थल पर स्टॉक की जांच, कलेक्टर ने की कार्रवाई

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गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी के भंडारण, व्यापार की लीज निरस्त

बालाघाट. भंडारण के नाम पर हो रही इ-रायल्टी फर्जीवाड़ा मामले में आखिरकार प्रशासन ने मुहर लगा दी। रायल्टी फर्जीवाड़ा के चलते कलेक्टर ने मेसर्स गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी को बोनकट्टा के पास हरदोली में प्रदान की गई रेत भंडारण की लीज को निरस्त कर दी है। दरअसल, इस भंडारण स्थल पर रेत का स्टॉक इ-खनिज पोर्टल में उपलब्ध स्टॉक में अंतर आया था।जिसकी जांच खनिज अधिकारी द्वारा की गई थी। पत्रिका ने भंडारण के नाम पर रायल्टी फर्जीवाड़ा के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पत्रिका ने इस समस्या से जुड़ी खबर का १० मार्च को प्रकाशन किया था। जिसके बाद विभाग ने इसे गंभीरता से लिया।
जानकारी के अनुसार कलेक्टर दीपक आर्य ने खनिज नियमों का पालन नहीं करने के कारण मेसर्स गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रो. दर्शन नगपुरे वार्ड नंबर 32 मोतीनगर बालाघाट को तिरोड़ी तहसील के ग्राम हरदोली में स्वीकृत की गई खनिज रेत भंडारण सह व्यापार की अनुज्ञप्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी है। जिला खनिज अधिकारी आशालता वैद्य ने बताया कि मेसर्स गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रो. दर्शन नगपुरे वार्ड नंबर-32 मोतीनगर बालाघाट को तिरोड़ी तहसील के ग्राम हरदोली में खसरा नंबर 147/4 के 1.534 हेक्टेयर में खनिज रेत के भंडारण एवं व्यापार की अनुज्ञप्ति 6 माच को स्वीकृत की गई थी। 13 मार्च को स्वीकृत भंडारण स्थल की राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग के अमले द्वारा जांच की गई तो पाया गया कि भंडारित स्थल पर खनिज रेत की मात्रा और इ-खनिज पोर्टल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा में भारी अंतर है। मामले में दर्शन नगपुरे को 15 मार्च को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और कलेक्टर के समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया था। 18 मार्च को कलेक्टर दीपक आर्य के समक्ष हुई सुनवाई में पाया गया कि दर्शन नगपुरे द्वारा संतोष जनक जवाब नहीं दिया गया है। जिस पर ग्राम हरदोली में खसरा नंबर 147/4 के 1.534 हेक्टेयर में खनिज रेत के भंडारण और व्यापार की दी गई अनुज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
अन्य भंडारण स्थल पर भी हो रहा फर्जीवाड़ा
इसी तरह अन्य स्थानों पर खनिज विभाग द्वारा जारी की गई रेत भंडारण की स्वीकृति में इ-रायल्टी का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस इ-रायल्टी फर्जीवाड़ा में रेत माफिया द्वारा किसी अन्य खदान की रायल्टी से भंडारण स्थल में रेत का स्टॉक करना दर्शाते हैं। जबकि माफिया द्वारा रेत का अवैध खनन कर भंडारण स्थल में स्टॉक करते है। गायत्री कंस्ट्रक्शन कंपनी में भी इसी तरह का अंतर सामने आया है। खनिज विभाग द्वारा अन्य स्थानों पर दी गई रेत भंडारण के स्टॉक की जांच की जाए तो ऐसे ही फर्जीवाड़ा और भी सामने आ जाएगा।

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