इसके कारण भारी नुकसान हो रहा है। किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरसों, गेहू, चना, जौ का खरीद केन्द्र शुरू किया जाए। इसके पश्चात डिस्कॉम के एक्सईएन केसी बिश्रोई ने किसानों से वार्ता की। लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। किसानों ने कहा कि बूंद-बूंद की दरे घटाई जाए और ढाई साल में सामान्य किया जाए। जबरदस्ती बढ़ाए गए लोड वापस हो, इच्छा से बढ़ाए गए लोड के अनुसार बड़े ट्रांसफार्मर दिए जाएं। इन मांगों पर डिस्कॉम के अधिकारियों ने सहमति नहीं दी।
इसके कारण किसानों ने अनिश्चिकालीन धरना शुरू कर दिया।
किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने बताया कि डिस्कॉम के अधिकारी सरकार के आदेशों की धज्ज्यिां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच एचपी तक छूट दे रखी है फिर भी अधिकारी पैसे ले रहे हैं। कर्मचारी किसानों को लूटने में लगे हुए है। जब तक मांगों पर विचार नहीं होगा धरना जारी रहेगा। धरने पर तहसील अध्यक्ष दौलतराम सारण, मंत्री जीवणराम मेघवाल, संयुक्त सचिव गिरधारीलाल खेजड़ा, डूंगरराम बेनीवाल, रेखाराम सिहाग, जगदीश उपाध्याय, रामेश्वर जाखड़ उपस्थित थे।