बालाघाट. भीषण गर्मी अपने शबाब पर है और इतनी तेज तपन है कि तापमान का पारा प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है। जिससे क्षेत्र में जल संकट गहराने लगा है। तीव्र गर्मी का असर शुरू होते ही जमीनी जलस्तर का नीचे जाना प्रारंभ हो गया है, ऐसे में ब्लॉक की अधिकांश पंचायतों में पानी की समस्या ग्रामवासियों को काफी परेशान कर रही है। ग्रामवासियों का कहना है कि अभी तो अप्रैल माह समाप्त हुआ है, मई और जून की गर्मी पूरी बची हुई है, ऐसे में क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों में जलसंकट की स्थिति उन्हें सता रही हैं।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत झाड़ीवाला, थानेगांव, सिकन्दरा, कोस्ते, डोंगरगांव, उमरवाड़ा व गर्रा सहित अन्य पंचायतों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते क्षेत्र के नदी, कुएं व तालाब सूख चुके हैं। इस कारण पानी की बेहद समस्या उत्पन्न हो चुकी है। जल स्तर को बनाए रखने के लिए प्रशासन व पीएचई विभाग द्वारा हर ग्राम पंचायतों मेेंं पानी की टंकी का निर्माण
कार्य करवाया जाना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को गर्मी की दिनों में पानी की समस्याओं से जुझना ना पड़े।
प्याऊ का भी नहीं सहाराइसी तरह जल संकट का असर नगर के बस स्टाप पर दिख रहा है। समाजसेवी संजय सिंह कछवाहा के द्वारा लगाए गए एक्वागार्ड वाले प्याउ से दिन भर हजारों यात्रियों की प्यास बुझ रही है। लेकिन गर्मी के मौसम मे एकमात्र साधन ही पर्याप्त नजर नहीं आ रहा है। गत वर्ष नगर पालिका ने कई सार्वजनिक स्थानों पर प्याउ खुलवा दिए थे। लेकिन इस वर्ष अभी तक नपा की ओर से सार्वजनिक प्याउ की व्यवस्था नहीं किए जाने से हजारों यात्रि पेयजल के लिए भटकते देखे जाते है। बौद्धिक नागरिकों ने तत्काल इस विषय में नपा से कदम उठाने की मांग भी की है।
पशु, पक्षियों को होगी परेशानीइधर भीषण गर्मी के चलते नदी, नाले व तालाबों का जल स्तर सूखने लगा है। जिससे पशु व पक्षियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि उक्त स्थानों में पानी रहने पर पशु व पक्षी अपनी प्यास बुझा सकते थे। लेकिन इस वर्ष मई माह की शुरूआत में ही नदी-नाले सूख चुकी हैं और नगर में कही जलपात्र नहीं बांधे गए हंै।
वर्सननगर में पेयजल स्थिति से निपटने के लिए हम गंभीर है। शीघ्र ही इस विषय में कारगर कदम उठाए जाएंगे।
विवेक पटेल, नपाध्यक्ष