बारिश के पानी में डूबी सैकड़ों क्विंटल धान
बालाघाटPublished: Jan 15, 2022 08:56:07 pm
पांच हजार क्विंटल धान की नुकसानी की आशंकासेवा सहकारी समिति मर्यादित चरेगांव का मामलाजेसीवी से नाला बनाकर की गई पानी निकासी की व्यवस्था
बारिश के पानी में डूबी सैकड़ों क्विंटल धान
बालाघाट/चरेगांव. जिले में शुक्रवार-शनिवार की देर रात्रि तक हुई बारिश से हजारों क्विंटल धान के भीगकर बर्बाद होने का मामला सामने आया है। मामला शहर के समीपस्थ के ग्राम चरेगांव की सेवा सहकारी समिति मर्यादित धान उपार्जन केन्द्र का है। जानकारी के अनुसार इस केन्द्र में क्षेत्र के करीब ४५२ किसानों से २०५३७ क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। लेकिन १५५१० क्विंटल धान का ही परिवहन हो पाया है। इस कारण शेष ५०२७ क्विंटल धान केन्द्र में खुले आसमान के नीचे रखा गया था। शुक्रवार की देर रात क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ मुसलाधारा बारिश हुई। इस दौरान धान को सुरक्षित करने ढांकी गई तिरपाल तेज हवा से उड़ गई और बड़ी मात्रा में धान के भीगकर खराब होने की जानकारी सामने आ रही है।
बताया गया कि मुसलाधार बारिश के कारण इस खरीदी केन्द्र में कई इंच पानी भर गया था। धान की हजारों बोरियां रात भर पानी में डूबी रही। सुबह जब समिति कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो दृश्य चौकानें वाले नजर आए। इसके बाद आनन फानन में जेसीवी मशीन बुलाकर केन्द्र में जमा बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था बनाई गई। वहीं अब नुकसानी का आंकलन किया जा रहा है।
सामने आ रही लापरवाही
इस संबंध में चरेगांव के सरपंच राजेन्द्र बिसेन ने बताया कि चरेगांव उपार्जन केन्द्र में करीब पांच हजार २७ क्विंटल धान खुले में रखा हुआ था। जिसके भीगकर खराब होने की अनुमान लगाया जा रहा है। किसानों द्वारा समय पर अपने धान का विक्रय कर दिया गया था। इस कारण इस नुकसानी का सामना समिति और शासन को करना चाहिए। यदि प्रशासन समय पर धान का परिवहन कर गोदामों में इसका भंडारन कर दिया गया होता इतनी नुकसानी का सामना नहीं करना पड़ता।
२४० किसान अब भी खरीदी के शेष
उपार्जन केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार चरेगांव केन्द्र में क्षे के ६९२ किसानों ने अपनी उपज विक्रय किए जाने अपना पंजीयन कराया था। लेकिन १५ जनवरी अंतिम तिथि तक ४५२ किसानों से ही उनकी उपज खरीदी जा सकी है। वहीं अब भी २४० किसानों से खरीदी किया जाना चाहिए। हालाकि समिति कर्मचारियों द्वारा खरीदी की तिथि बढऩे की जानकारी दी गई है। इस दौरान शेष किसानों से खरीदी कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
वर्सन
धान को बारिश से बचाने तिरपाल ढाकर पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। लेकिन प्राकृतिक आपदा को रोका नहीं जा सकता था। तेज हवाओं के कारण तिरपाल उड़ गई और बड़ी मात्रा में धान के भीगने का अनुमान है। हमारे द्वारा आंकलन किया जा रहा है।
टीएल बिसेन, समिति प्रबंधन