अवैध रेत खनन और चोरी बेलगाम-
बालाघाटPublished: Dec 29, 2019 08:51:41 pm
रेलवे ठेकेदार और पेटी कान्ट्रेक्टर खरीददार
अवैध रेत खनन और चोरी बेलगाम-
तिरोड़ी। जीवनदायिनी बावनथड़ी नदी और तिरोड़ी तहसील के आस-पास नदी-नालों से अवैध रेत उत्खनन और चोरी अब पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। रेत कारोबारी के खिलाफ कोई ठोस और बड़ी कार्रवाई नहीं होने की वजह से खनन कर्ता के हौसलें बुलंद हो चुके है। जिनके द्वारा पंचायत को स्वीकृत रेतघाटों की आड़ में जमकर अवैध खनन किया जा रहा है। नियम विरुद्ध नदी में जेसीबी मशीन लगाकर रेत का दिन रात उत्खनन किया जा रहा है। वहीं नदी को जोडऩे वाले छोटे-बड़े नालों से भी अवैध उत्खनन बदस्तुर किया जा रहा है। यह रेत बड़े महानगरों के अलावा जरूरतमंदों को औने-पौने दामों में बेची जा रहा है। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। वही रेत माफिया मालामाल हो रहे हैं।
रेत के अवैध कारोबार को सरकारी निर्माण कार्यों के ठेके लेने वाले ठेकेदार तथा पेटी कान्ट्रेक्टर भी बढ़ावा दे रहे है। यह ठेकेदार रायल्टी की राशि बचाने के लिए रेत कारोबारी से चोरी की रेत खरीद रहे हैं। कटंगी से तिरोड़ी रेल लाइन के निर्माण में लगने वाली चोरी की रेत इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इस निर्माण कार्य के लिए नदी तथा नालों से बड़ी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। हालाकि रेलवे ठेकेदार इस बात से इंकार कर रहा है, लेकिन निर्माण स्थल पर टे्रक्टरों से लाकर रखी जाने वाली रेत उनके झूठ की पुष्टि करती है। इधर, जिम्मेदार विभाग के अफसर ऐसे निर्माण स्थलों पर जाकर किसी तरह की जांच नहीं कर रहे हैं, इसलिए ठेकेदार चोरी की रेत का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। पठार अंचल तथा बावनथड़ी नदी के किनारे बसे ग्रामीणों की माने तो वह लोग नदी के जल से खेतों की सिंचाई कर फसल तैयार करते थे, लेकिन जिस तरह से नदी में खनन हो रहा है, भविष्य में पेयजल संकट एवं सिंचाई कार्य प्रभावित होगा। जिससे आज हरी-भरी फसलों से लहलहाने वाले खेत भविष्य में खाली मैदान नजर आएंगे।