कटंगी में विद्युत विभाग के निजीकरण पर सांकेतिक विरोध-
बालाघाटPublished: Jan 22, 2021 07:45:06 pm
निजी कंपनियों को सीधे लाभ देने का षणयंत्र
कटंगी में विद्युत विभाग के निजीकरण पर सांकेतिक विरोध-
कटंगी। बिजली कंपनी के निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 के विरोध में राज्य के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स के तत्वाधान में शुक्रवार को उपसंभाग कार्यालय कटंगी में सांकेतिक विरोध किया। इस दौरान एक बैठक का आयोजन भी किया गया जिसमें यूनियन पदाधिकारियों ने अपने सहकर्मचारियों बताया कि नए एक्ट से कर्मचारियों और अधिकारियों सहित उपभोक्ताओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बिजली यूनिट की दर में वृद्धि होगी। निजीकरण के कारण सुविधाएं सीमित होने के साथ-साथ मुफ्त में मिलने वाली बिजली एवं सुविधाएं भी बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया को केंद्र सरकार ने कुछेक राज्यों और बड़े शहरों में प्रयोग के तौर पर अपनाई लेकिन निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से विफल हो गई है। इसके बावजूद विद्युत अधिनियम में संशोधन और निजीकरण पर सरकार अड़ी है। जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार निजी कंपनियों को सीधे लाभ देने का षणयंत्र रच रही है।
बैठक में आईडी पटले ने कहा कि जिस प्रकार से पॉवर कॉरपोरेशन को निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही है, वह अत्यंत चिंताजनक है। विद्युत कर्मचारी ऐसा कभी नहीं होने देंगे। इसका पूरी मजबूती के साथ विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी हाथों में जाने से कर्मचारियों के भविष्य पर अंधकार के बादल छा सकते हैं। इसके साथ ही उपभोक्ताओं पर भी अतिरिक्त भार पड़ेगा। बिजली महंगी हो जाएगी और महंगाई में वृद्धि होगी। ऐसे समय में निजीकरण प्रक्रिया शुरू की गई है, जब विभाग घाटे में नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों व उपभोक्ताओं के हित को देखते हुए निजीकरण प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही इस तरफ ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो बड़ा आंदोलन छेडऩे के लिए मजबूर होंगे। गौरतलब हो कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भोपाल में 7 फरवरी को विशाल रैली निकाल रहे हैं। इसी को लेकर मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स बैठक कर एकजुट हो रहे हैं।