scriptइश्क वो बीमारी है, जिसका दुनिया में इलाज नहीं | Ishq is a disease which is not treated in the world | Patrika News

इश्क वो बीमारी है, जिसका दुनिया में इलाज नहीं

locationबालाघाटPublished: Oct 27, 2018 12:01:31 pm

Submitted by:

mukesh yadav

पुलपुट्टा में कवि सम्मेलन का आयोजन, श्रोताओं को खुब गुदगुदाया

kavi sammelan

इश्क वो बीमारी है, जिसका दुनिया में इलाज नहीं

कटंगी। क्षेत्र के ग्राम पुलपुट्टा में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश के जाने माने कवियों ने हिस्सा लिया और अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। संजय अश्क के संयोजन और दिनेश देहाती के संचालन में इस कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन का आंनद लेने के लिए पुलपुट्टा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों के अलावा महाराष्ट्र से भी श्रोतागण उपस्थित रहे।
कविता कनक ने अपनी सुमधुर वाणी के साथ मां सरस्वती की आराधना कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसके बाद वाह वाह फेम प्रदीप स्वामी ने हास्य कविता का पाठ किया। हास्य व्यंग्य के कवि शैलेष इनायत ने-तेरे प्यार में कपड़े धो रहा हुं, नींद आती नहीं जबरन सो रहा हुं पर खुब ठहाके लगवाए। हास्य की फुलझड़ी मलाजखंड के कवि दिनेश मानसुन ने हास्य की बरसात कर पुरे सदन से खुब वाहवाही बटोरी। संजय अश्क ने व्यंग्य बाण के साथ श्रृंगार की रचना पढ़कर सबको दिवाना कर दिया। आंसु है, दर्द है, रुसवाई है फिर भी लोग आते बाज नहीं, ईश्क वो बीमारी है अश्क जिसका दुनिया में इलाज नहीं। देश के नामचीन कवि नागपुर से पधारे तन्हा नागपुरी की कविता-घर में नहीं है खाने को, बेटी गई है कमाने को, हो बुरा मंहगाई का, आग लगे जमाने को और ये बुझी बुझी निगाहे जाने को कह रही है, नगमा कोई अजल का गाने को कह रही है। विभिन्न पंक्तियों पर सबको भावविभोर कर दिया। समापन के अवसर पर संजय अश्क, विश्वेश्वर सोनवाने ने कवियों का आभार व्यक्त किया।
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