नदियों में चल रही जेसीबी, जंगलों में हो रहा भंडारण
माफिया के खिलाफ नहीं की जा रही ठोस कार्रवाई, रेत के अवैध खनन, भंडारण, परिवहन का मामला

बालाघाट. जिले में रेत के अवैध खनन, भंडारण, परिवहन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। माफिया बड़े पैमाने में नियमों को ताक पर रखकर न केवल मशीनों से खनन कर रहे हैं। बल्कि उसका अवैध रुप से भंडारण भी कर रहे हैं। इधर, प्रशासन द्वारा माफिया पर कार्रवाई भी की जा रही है। लेकिन यह कार्रवाई महज एक औपचारिकता साबित हो रही है। जिसके कारण माफिया के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जिले में भले ही शासन ने रेत खदानें स्वीकृत कर दी है, लेकिन इसकी आड़ में बड़े पैमाने में रेत का अवैध खनन कर शासन को क्षति पहुंचाई जा रही है। खासतौर पर वन क्षेत्र में अवैध खनन, भंडारण और परिवहन का कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इससे शासन को क्षति भी हो रही है। लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
प्रशासन द्वारा छोटे स्तर पर रेत का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। लेकिन बड़े कारोबारियों पर रहम बरता जा रहा है। प्रशासन द्वारा ग्राम कुम्हारी में वैनगंगा नदी में रेत का अवैध उत्खनन कर रहे दो ट्रैक्टर ट्रालियों को जब्त करना, राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा 8 जनवरी को ग्राम खैरी में निजी भूमि पर अवैध रूप से भंडारित कर रखी गई गई 532 ट्राली रेत को जब्त करना इसका उदाहरण है। इधर, वन क्षेत्र में बड़े पैमाने में रेत का अवैध खनन हो रहा है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
इधर, नदियों में जेसीबी मशीन चलने से न केवल पर्यावरण को क्षति हो रही है। बल्कि नदियों के अस्तित्व भी सिमटते जा रहा है। इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ रहा है। बावजूद कि प्रशासन द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। विदित हो कि जिले में मौजूदा समय में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में मशीनों से खनन का कार्य बड़े पैमाने में किया जा रहा है। माफिया द्वारा रात्रि के समय ज्यादा खनन कर रहे हैं। ताकि उन पर कार्रवाई नहीं हो सकें।
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