बालाघाट

नक्सलियों पर नकेल कसने तीन राज्यों का साझा ऑपरेशन

सीमावर्ती क्षेत्रों में मप्र, महाराष्ट्र, छग राज्य की पुलिस ने संभाला मोर्चा, बालाघाट के नक्सली लीडर मिलिंद की मौत के बाद कमजोर हुआ संगठन

बालाघाटNov 25, 2021 / 10:25 pm

Bhaneshwar sakure

नक्सलियों पर नकेल कसने तीन राज्यों का साझा ऑपरेशन

बालाघाट. जंगल के रास्ते गांवों में प्रवेश करने वाले नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है। तीन राज्यों की पुलिस नक्सली उन्मूलन के लिए साझा ऑपरेशन चला रहे हैं। तीनों ही राज्य मप्र, महाराष्ट्र और छग राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपसी समन्वय स्थापित कर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताकि नक्सली जिले में प्रवेश न कर सकें। इधर, बालाघाट जिले में नक्सली संगठन की कमान संभाल रहे लीडर मिलिंद तेलतुमड़े की महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली में एनकाउंटर में मौत हो गई है। जिसके कारण बालाघाट जिले में नक्सली संगठन पहले की अपेक्षा थोड़ा कमजोर हुआ है। अपने कमजोर हुए संगठन और ग्रामीणों में ढीली हुई पकड़ को मजबूत करने नक्सलियों द्वारा बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि, पुलिस लगातार नक्सलियों पर नजर बनाए हुए है।
जानकारी के अनुसार जिले में नक्सली लगातार अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं। हाल ही में नक्सलियों ने बैहर थाना क्षेत्र के मालखेड़ी में दो ग्रामीणों की मुखबिरी के शक में हत्या कर अपनी मौजूदगी का एहसास कराया है। इधर, नक्सलियों की समूल नष्ट करने के लिए पुलिस लगातार सर्चिंग कर रही है। खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में छग राज्य के राजनांद गांव और बालाघाट जिले की पुलिस द्वारा साझा ऑपरेशन किया जा रहा है। इसी तरह महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया जिले की नक्सल उन्मूलन में लगी पुलिस और बालाघाट पुलिस द्वारा भी ज्वाईंट ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं कभी तीनों ही जिलों का भी एक साथ ज्वाईंट ऑपरेशन चलाया जाता है। ताकि नक्सली एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश न कर सकें। इधर, महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली में एनकाउंटर में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौत होने के बाद से जिले में नक्सलियों की पकड़ ढीली हुई है। इतना ही नहीं बालाघाट जिले में स्पेशल ट्रेनिंग प्राप्त हॉकफोर्स के जवानों और पुलिस बल की लगातार सर्चिंग के चलते नक्सली जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में पैठ नहीं कर पा रहे हैं।
एक सैकड़ा से अधिक नक्सलियों की मौजूदगी
जिले में एक सैकड़ा से अधिक नक्सलियों की मौजूदगी बनी हुई है। पुलिस भी नक्सलियों की मौजूदगी से इंकार नहीं कर रही है। खासतौर पर महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरौली की घटना के बाद से नक्सलियों ने जिले में पनाह लेना शुरू कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने नक्सलियों के आवागमन के रास्ते, जंगल और सीमावर्ती क्षेत्रों में नजर लगाए हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये नक्सली अन्य राज्यों से यहां पहुंचे हैं। जिले में पहुंचे ये नक्सली अपनी पैठ बढ़ाने के साथ-साथ सक्रियता भी बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
जंगलों के रास्ते गांवों में प्रवेश
नक्सली छग और महाराष्ट्र राज्य के जंगलों से जिले में प्रवेश करते हैं। छग राज्य के कवर्धा, कबीरधाम से कान्हा नेशनल पार्क और दक्षिण बैहर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। इसी तरह महाराष्ट्र राज्य से लांजी, देवरबेली चौकी क्षेत्र से भी जिले में प्रवेश करते हैं। जिसके बाद ये नक्सली जिले के बिठली, सोनगुड्डा, डाबरी, सालेटेकरी, चौरिया, चिलौरा, चिलकोना, राशिमेटा, दड़कसा, डाबरी, पितकोना, कोद्दापार, कोरका, बोंदारी, अडोरी, नवी, जगला, जालदा, हर्राडीह, खमारडीह, सायर संदुका, टेमनी, गढ़ी सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी सक्रिय हो जाते हैं।
इनका कहना है
जिले में एक सैकड़ा से अधिक नक्सलियों के होने की संभावना है। हालांकि, मप्र, महाराष्ट्र और छग राज्य की नक्सली उन्मूलन में लगी पुलिस के साथ साझा ऑपरेशन किया जाता है। ताकि नक्सलियों को प्रवेश से रोका जा सकें। महाराष्ट्र राज्य के गढ़चिरोली में नक्सली लीडर मिलिंद की मौत के बाद जिले के नक्सली संगठन में इसका असर पड़ा है।
-अभिषेक तिवारी, एसपी बालाघाट

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