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सिवनहेटी में पुल का अभाव, बच्चों का स्कूल जाना बंद

locationबालाघाटPublished: Sep 02, 2018 12:28:21 pm

Submitted by:

mukesh yadav

बीते तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से शासकीय हाईस्कूल तिरोड़ी में बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं।

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सिवनहेटी में पुल का अभाव, बच्चों का स्कूल जाना बंद

कटंगी/तिरोड़ी। बीते तीन दिनों से क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से शासकीय हाईस्कूल तिरोड़ी में बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं। दरअसल, सिवनहेटी और तिरोड़ी के बीच पडऩे वाले नाले में पुल का अभाव है। इस कारण सिवनहेटी के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। छात्र सुमित, शोहिल बोमचेर, प्रवीण राउत, हनवत सेन्दरे, दीपक राउत, डिलेश चौधरी, मनीष चौधरी, अश्विनी दसमेर, सरस्वती सेन्दरे, आशना सेन्दरे, पूनम राउत, मितेन्द्र राउत सहित अन्य ने बताया कि वह तीन दिन से स्कूल नहीं गए है।
क्षेत्र की तिरोड़ी तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खरपडिय़ा का सिवनहेटी जंगल के बीच बसा हुआ गांव है। इस गांव को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर एक नाला बहता है। जिसमें पुल नहीं है। हर साल बारिश के मौसम में ग्रामीण और बच्चे अपनी जान हथेली में रखकर कमर भर पानी में इस पुल को पार कर तिरोड़ी आना-जाना करते है। बीते दिनों मंगलवार से तेज बारिश के बाद इस पुल पर कई फीट पानी बह रहा है। इस कारण ग्रामीण कोई खतरा मोल नहीं लेना चाह रहे हैं। लेकिन बच्चे स्कूल जाने की जिद पर अड़े हैं। जिन्हें माता-पिता बहुत मुश्किल से समझा रहे है। इधर, शिक्षकों ने भी वजह से थोड़ी बारिश में नाला उफान पर आ जाता है। जिससे ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो जाती है। मंगलवार की बारिश के बाद इस नाले में कई फीट उंचाई से पानी बह रहा है।
ग्रामीणों ने बयां किया दर्द
ग्रामीण उमेश नेवारे, महेन्द्र नेवारे, सतनलाल चौधरी, कैलाश चौधरी, राहेनसिंग दसमेर, विजय दसमेर, जयसिंग दसमेर, ताराचंद सेन्दरे, श्रीचंद नेवारे, उमेश नेवारे, संजय नेवारे, दुलीचंद नेवारे, लालचन्द नेवारे, सहित अन्य ने बताया कि कई बार इस पुल निर्माण कराने के लिए विधायक से गुहार लगाई गई। उन्होनें आश्वासन तो दिया लेकिन आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। शिक्षक चन्द्रकांत मंडलेकर, दीपचंद बोपचे, रमेश पन्द्रे, एलएम सूर्यवंशी, दिनेश हरिनखेड़े ने बताया कि उक्त मार्ग के बंद होने पर तहसील मुख्यालय जाने के लिए 20 किमी. का लंबा सफर तय करना पड़ता है। ऐसी स्थिती में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। सर्वाधिक दिक्कत दिहाड़ी मजदूरों को होती है। वह रोज 20 किमी. का सफर साईकिल से करते हैं। इसमें समय भी ज्यादा लगता है ओर परेशानी भी उठानी पड़ती है।

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