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सीपीटी कार्य में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा

locationबालाघाटPublished: Jun 15, 2019 08:22:33 pm

Submitted by:

Bhaneshwar sakure

मस्टररोल में फर्जी मजदूरों का नाम डाल किया गया राशि का आहरण, कार्य करने वाले मजदूरों को नहीं मिल पाया है भुगतान

balaghat

सीपीटी कार्य में लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा

बालाघाट/डोरा. उत्तर वन मंडल सामान्य के पश्चिम वन परिक्षेत्र बैहर सामान्य के शाखा बघोली के तहत कक्ष क्रमांक 1538 में नवम्बर-दिसम्बर 2018 में कराए गए सीपीटी कार्य में वन परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी, बीट गार्ड की मिलीभगत के चलते इस कार्य में लाखों रुपए का गोलमाल किया गया। इस कार्य से शासन को करीब तीन से चार लाख रुपए की क्षति हुई है। विडम्बना यह है कि इस कार्य में लगे वास्तविक मजदूरों को अभी भी भुगतान नहीं हो पाया है। जबकि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्जी मजदूरों के नाम से राशि का आहरण कर लिया गया है। इधर, इस मामले में जनपद सदस्य दिनेश मरकाम ने इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
सीपीटी में काम करने वाले मजदूर गुलाबसिंह, मूलचंद, अशोक ने बताया कि उन्हें अभी तक मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाया है। सीपीटी कार्य की मजदूरी के भुगतान के लिए बीट गार्ड ज्ञानीलाल बंसोड़ से कई बार चर्चा की गई। लेकिन उनके द्वारा भी टालमटोल किया जा रहा है। आश्चर्यजनक बात है कि इस कार्य में परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी की मिलीभगत के चलते मजदूरी में फर्जीवाड़ा किया गया है। इस कार्य में मस्टररोल में फर्जी मजदूरों का नाम जिनके बैंक खाता बैहर, मोहगांव, मलाजखंड के है।
सीपीटी कार्य में मस्टररोल में फर्जी मजदूर का नाम डाला गया है। जिसमें राहुल/तिलकदास, यासीन/युसूफ,राकेश/तिलकदास, शांतिबाई/गुलाबदास, शकुनतला/तिलकदास, अवधिया/तिलकदास, आनंद/दीनदयाल, कुनाल/भगतसिंह, देवीलाल/दशरथ, कमलेश/देवीलाल सहित ऐसे करीब 40 मजदूरों के फर्जी नाम डाले गए हैं। इस नाम के व्यक्ति ग्राम खुड्डीपुर डोरा में नहीं है। मस्टर रोल में इनके नाम से 8460 रुपए से लेकर २८२० रुपए की राशि डाली गई है। उनके बैंक खाते एसबीआई बैहर, मलाजखंड व मोहगांव में है। इसके अलावा परसवाड़ा व उकवा के फर्जी मजदूरों का नाम मस्टररोल में है।
इनका कहना है
हमारे द्वारा मजदूरी में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया है। यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। वैसे निर्माण कार्य में काफी संख्या मेें मजदूर कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में जब तक रिकार्ड नहीं देखा जाता तब तक कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। कुछेक मजदूरों के बैंक खाते गलत थे, उनकी सूची तैयार करवाई जा रही है। सूची तैयार होने के बाद मजदूरों को भुगतान कर दिया जाएगा।
-विजय श्रीवास्तव, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बघोली
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