रस्सी पर कतरब दिखाकर बीत रहा जीवन
सरकार द्वारा भले ही लोगों के जीवन स्तर को उठाने के भरसक प्रयास किए जा रहे

बालाघाट. सरकार द्वारा भले ही लोगों के जीवन स्तर को उठाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हो। लेकिन वास्तव में खानाबदोश की तरह पेट पालने वालों के लिए यह प्रयास नाकाफी साबित होते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम बिनोरा में उस समय दिखाई दिया जब एक नन्ही बालिका पेट की खातिर एक रस्सी पर हैरत अंगेज कमाल दिखाती हुई तालियां बटोर रही थी। अपनी जान जोखिम में डालकर लगभग आधे घंटे तक एक से बढ़कर एक करतब दिखाती बालिका पूजा के हौसले को देखकर दर्शकों की सांस एक दम रूक रही थी। वहीं पूजा अपना कमाल दिखाने में मशगूल थी। कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब पूजा नट एवं उसके चाचा गोंविदा नट से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हम लोग छग. राज्य के धमतरी के रहने वाले है। पीढिय़ों से उनके पुरखे लोग भी बस इसी तरह से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर करतब दिखाकर लोगों का मनोरंजन करते है और बदले में लोग उन्हें कुछ रुपए पैसे दे दिया करते है। इसी से उनका जीवन चलता है। अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली पूजा से पूछने पर उसने बताया कि वह कभी स्कूल नहीं गई। उसे रस्सी पर करतब दिखाने में डर भी नहीं लगता। वह अपने चाचा-चाची के साथ इधर आई हुई है। घर में उसके माता-पिता एवं भाई-बहन है। सरकार से मिलने वाली योजनाओं के संबंध में जानकारी लेने पर गोंविदा नट एवं उसकी पत्नी ने बताया कि बचपन से वे लोग बच्चों में इस तरह करतब दिखाने की आदते डाल देते हंै। शासन से उन्हें चावल और गेंहू तो मिलता है पर उसके अतिरिक्त जीवन चलाने के लिए कुछ काम धंधा नहीं मिलता है। उनके पुस्तैनी लोग ऐसे की करतब दिखाकर लोगों के मनोरंजन का काम करते थे और बदले मे उनके कुछ दान स्वरूप मांगते थे तो वे लोग भी वैसा ही काम कर रहे है। फिलहाल वे अपने छह: सदस्यों के परिवार के साथ इस तरह तमाशा दिखाकर लोगों को खुश करने का काम कर रहे हंै।
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