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महाकाल समिति कटंगझरी ने निकाली शिव बारात

locationबालाघाटPublished: Feb 23, 2020 04:12:24 pm

Submitted by:

mukesh yadav

नेवरगांव से दस किमी. दूर ग्राम कटंगझरी में महाशिव रात्रि पर श्री महाकाल समिति द्वारा शिव बारात निकाली गई।

महाकाल समिति कटंगझरी ने निकाली शिव बारात

महाकाल समिति कटंगझरी ने निकाली शिव बारात

नेवरगांव वा। नेवरगांव से दस किमी. दूर ग्राम कटंगझरी में महाशिव रात्रि पर श्री महाकाल समिति द्वारा शिव बारात निकाली गई। शिव बारात शनिवार को 11 बजे अशोक परिमल के निवास से निकाली गई । जो गांव का भ्रमण करते हुए प्राचीन शिव मंदिर देवस्थान रमरमा पेंदी टोला पहुंची। जहां बड़ी संख्या में भक्तजनों ने शंकर, पार्वती, ब्रह्मा, विष्णु और मां काली की आरती उतारकर आशीर्वाद प्राप्त किया। शिव बारात कटंगझरी के पूरे ग्राम का भ्रमण करते हुए सभी मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद रमरमा के लिए रवाना हुई।
किवंदती है कि जब भस्मासुर राक्षस ने शिवजी को मारने पीछा किया तो शिवजी अपनी जान बचाने इस स्थल पर पहुंचे थे। यहां प्राकृतिक रूप से गुफा निर्मित है और भगवान शंकर यहां पर विराजित है। यहां पर एक कुंड है जो काफी गहरा है। इस कुंड में पानी सदा भरा रहता है। यहां पर शेर की गुफा भी है। कहा जाता है कि इस गुफा में बाघ निवास करता है। यह स्थल भगवान शिव के स्थान के रूप में प्रचलित है। प्राकृतिक रूप से निर्मित शिव गुफा पहाड़ों के मध्य अंदर 10 फीट संकरी व गहरी है। गुफा में जिस स्थिति में अंदर प्रवेश करते हैं ठीक उसी स्थिति में वापस आना पड़ता है। 10 फीट अंदर छोटे से परिसर पर स्वमं निर्मित शिवलिंग है। वहां बमुश्किल तीन लोग खड़े होकर दर्शन कर सकते हैं। कुदरत का करिश्मा है वहां से सूर्य की रोशनी प्राकृतिक रूप से ***** के माध्यम से सिर्फ शिवलिंग पर पड़ती है। इसी परिसर पर स्थित है शिव कुंड, जिसके समीप महाकाल सेवा समिति द्वारा स्थापित शिवलिंग है।
झाकियों ने मोहा मन
भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु और काली मां की झांकी ने बारात में अपने नृत्य कौशल से बेहतरीन प्रदर्शन कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। वही मां काली क्रोध वश होकर संहार करते हुए आगे बढ़ रही थी। देवताओं के आग्रह पर मां काली के क्रोध को शांत करने के लिए इसी बीच शिव जी ने उन्हें रोकने के लिए उनकी राह पर लेट गए और मां काली का जैसे ही उनके उपर पैर पड़ा उनका डमरु बज उठा। यह दृश्य महाकाल सेवा समिति के भगवान शंकर और काली का रूप धरे गणों के साथ प्रदर्शित किया गया।
इनका रहा सहयोग
शिव बारात महाकाल सेवा समिति कटंगझरी के सदस्य डुलेन्द्र ठाकरे, गौरवसिंह पारधी, लोमहर्ष बिसेन, भोजलाल ठाकरे, अशोक परिमल, आनन्द ठाकरे, सुजीत परिमल, पवन ठाकरे, महेंद्र, नितिन, हिमांशु ठाकरे, जागीर बिसेन, राम ठाकरे, शरद मडावी, गजेंद्र ठाकरे, संजू परिमल, मिंटा शिववंशी, गज्जू नागेश्वर, अप्पू धानेश्वर, राजा ब्रम्हें, मोनू अजित, नितिन ठाकरे, महेंद्र पटले, लक्की बिसेन, खिलावन हटवार, प्रकाश डहरवाल, निखाम खान सहित अन्य भक्त शिव बारात में के साथ चलते रहे। शिव बारात का अनेक जगह भक्तों ने आरती उतारकर स्वागत किया।
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