मानेगांव नाला आज भी जर्जर
बालाघाटPublished: Mar 18, 2019 12:57:24 pm
विभाग ने हादसों के बाद नहीं लिया सबक-
मानेगांव नाला आज भी जर्जर
कटंगी। मुख्यालय से करीब 5 किमी. दूर पाथरवाड़ा-मानेगांव नाले में लगातार होने वाले हादसों के बाद भी लोक निर्माण विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है। दरअसल, यह नाला ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन चुका है। हर साल बारिश के मौसम में हल्की सी बारिश के बाद नाले में उफान आ जाता है और आवागमन बंद हो जाता है। वहीं नाले के उफान पर होने से हमेशा हादसों का डर लोगों में बना रहता है। बीते साल ही बारिश के दिनों में इस पुल की जर्जर हालत होने की वजह से एक स्कूली छात्रा नाले में बह गई थी, जिसकी मौत हो गई थी। हालाकिं यह कोई पहली घटना नहीं थी। इसके पूर्व भी इस नाले में ऐसी घटना हो चुकी थी। ग्रामीण बताते हैं कि इन घटनाओं के बाद प्रशासन और नेताओं ने पुल बनवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक निर्माण नहीं हो पाया है।
रैलिंग विहिन मानेगांव नाले की ऊंचाई सड़क सतह से बेहद कम है। इस वजह से बारिश के मौसम में इस पुल पर उफान आ जाता है और आवागमन बुरी तरह से बंद हो जाता है। कई दफे इस कारण से दो-दो दिनों तक आवागमन बंद रहता है ग्रामीणों को अतिरिक्त फेरा लगाकर कटंगी मुख्यालय आना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों से इस पुल के नवनिर्माण की मांग की गई, लेकिन हर बार ग्रामीणों की मांग को अनदेखा किया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि इसमें दो बाद हादसा हुआ और लोगों को अकाल ही मौत के मुंह में जाना पड़ा। बहरहाल, प्रशासन आज भी इन घटनाओं को नजरअंदाज किए हुए हैं।
जानकारी अनुसार इस पुल से होकर प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहा है। यह मार्ग क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांवों को तहसील-अनुविभाग मुख्यालय से सीधे जोड़ता है। आवागमन की दृष्टि से इस नाले पर शीघ्र ही ऊंचा पुल निर्माण कराने की जरूरत है, जिस ओर शासन प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।