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मनरेगा का डेढ़ करोड़ का भुगतान बाकी, ठप पड़े कार्य

locationबालाघाटPublished: Mar 17, 2019 02:00:55 pm

Submitted by:

mukesh yadav

दिसंबर से अब तक नहीं आई राशि, मजदूर परेशान

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मनरेगा का डेढ़ करोड़ का भुगतान बाकी, ठप पड़े कार्य

कटंगी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की राशि ग्राम पंचायतों को दिसंबर महीने से नहीं मिल पाई है। इस कारण पंचायतों में विकास कार्य ठप्प पड़े है। वहीं प्रमुख त्यौहार होली के ठीक पहले मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं मिलने से उनकी हालत भी खराब है। मजदूर सरपंच-सचिव पर भुगतान जमा कराने का दबाव बना रहे हंै। वहीं सरपंच-सचिव दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। जानकारी के अनुसार वर्तमान समय तक कटंगी जनपद क्षेत्र में मजदूरों का ८२ लाख १४ हजार रुपए की मजदूरी भुगतान बाकी है। वहीं निर्माण सामग्री के भी ६९ लाख २६ हजार कुल एक करोड़ ५१ लाख ४० हजार का भुगतान अटका हुआ है। वर्तमान में चुनावी माहौल और आचार संहिता के चलते यह राशि भी समय पर आना मुश्किल बताया जा रहा है।
ठप पड़े विकास कार्य
जानकारी के अनुसार अधिकांश ग्राम पंचायतों में मनरेगा का बजट नहीं पहुंचा है, जिससे गांवों में होने वाले विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। यहां जनपद कटंगी अंतर्गत आने वाली सभी 81 ग्राम पंचायतों का भी यहीं हाल है। करीब 2 माह से पंचायतों और मजदूरों के खाते में भी पैसे नहीं पहुंचे हैं, जिससे सरपंच-सचिव, रोजगार सहायक और मजदूर सभी परेशान चल रहे है। राज्य सरकार ने इस मामले पर पहले ही स्पष्ट किया है कि अक्टूबर से केंद्र सरकार ने फंड रिलीज नहीं किया है, इस कारण पंचायतों के खातों में राशि जमा नहीं कराई गई है। वहीं कंेद्र सरकार ने राज्य सरकार द्वारा उपयोगिता सर्टिफिकेट नहीं भेजने की बात कहीं है। बहरहाल, राज्य और केन्द्र की इस लड़ाई में नुकसान ग्राम पंचायतों और मजदूरों का हो रहा है। वहीं इस वक्त लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी होने की वजह से मनरेगा का बजट मिलने की उम्मीद नहीं है। मतलब साफ है कि इस साल ना तो सड़क नसीब होगी और ना ही मजदूरों को मजदूरी।
बाजार से भी उधारी बंद
क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों में राशि के अभाव में काम बीच में अटक गए हैं। वहीं पुरानी देनदारी के चलते बाजार से भी पंचायतों को सामान नहीं मिल रहा है। हाल यह है कि पंचायतों के सरपंच अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, पर उन्हें कहीं भी राशि आने की सुखद सूचना नहीं मिल पा रही है।
पलायन करना बना मजबूरी
सरपंच संघ अध्यक्ष आंनद बरमैया ने बताया कि शासन द्वारा पंचायतों को रोजगार गारंटी मद की राशि नहीं देने से पंचायतों में विकास और निर्माण कार्य ठप हो गए है, जो कार्य प्रगतिरत है, वह भी राशि के अभाव में अधूरे छोड़े जा रहे हैं। मजदूरी और बिलों के भुगतान के लिए सरपंच जनपद से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हंै। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद ही अब मनरेगा की राशि पर कोई फैसला हो सकता है। ऐसे में राज्य और केन्द्र के बीच चल रही इस जंग में मजदूरों को ही समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। वर्तमान समय में ग्रामीण बेरोजगारों के हालात खराब हो रहे हैं। उनके खाते में पैसा नहीं पहुंच रहा है और अब वे रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। ज्ञात हो कि पहले से ही काफी ग्रामीण रोजगार के लिए महानगरों की तरफ पलायन कर चुके हैं।
वर्सन
दिसंबर से मनरेगा का भुगतान नहीं आया है। वर्तमान समय तक ८२ लाख १४ हजार की मजदूरी, ६९ लाख २६ हजार का सामग्री भुगतान बकाया है। हमारे द्वारा लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है।
गौरीशंकर पाल, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी

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