बालाघाट प्रदेश के मुखिया
शिवराज सिंह चौहान 15 अप्रैल को जिले की वारासिवनी तहसील में किसान समृद्धि योजना का शुभारंभ करने आ रहे हैं। इससे पहले कटंगी के किसान संगठन ने वाहन रैली निकालकर अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय में नायब तहसील को ज्ञापन सौंपा है। इसके पूर्व कतरकना रोड स्थित पंवार सदन में किसानों की बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों ने राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है।
किसानों ने किसान समृद्धि योजनान्तर्गत वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में धान उत्पादन किसानों को प्रोत्साहन राशि देने, वर्ष 2017-18 में खरीफ धान उत्पादन जिन गांवों में फसल का 50 प्रतिशत अधिक नुकसान हुआ हो, उन्हें मुख्यमंत्री की घोषणानुसार आरबीसी 6-4 के अंतर्गत 5 हजार रुपये हेक्टेयर राहत राशि प्रदान की जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत जिले के धान उत्पादक पात्र किसानों को शीघ्र अप्रैल माह में ही बीमा राशि का भुगतान किया जाए। नहलेसरा जलाशय के सीमेंटीकरण से वंचित नहरों का सीमेंटीकरण कराया जाए। धान उत्पादक किसानों की ऋण साख सीमा बढ़ाती जाए एवं मप्र शासन द्वारा कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड पर सहकारिता विभाग से 0 प्रतिशत ऋण वितरीत किया जाता है यह सुविधा राष्ट्रीयकृत बैंकों में जारी किसान क्रेडिट कार्ड पर भी लागू किया जाए। राजस्व विभाग अंतर्गत कृषकों को भू-अभिलेख संधारण हेतू उपयोग में लाई जा रही आनलाईन अपडेशन प्रणाली के स्थान पर सरकारी एनआइसी वेस्ट सॉफ्टवेयर को सुधार करते हुए किसान हित में लागू की जाए, जिससे किसानों को त्वरित नि:शुल्क खसरा, किस्तबंदी, नक्शा देने की व्यवस्था की जाए, अविवादित बटवारा व्यवस्था पंचायत के माध्यम से करवाई जाए। राष्ट्रीय कृषि लागत मूल्य आयोग द्वारा गेहूं की उत्पादन लागत लगभग 9 सौ रुपए प्रति क्ंिवटल है, जबकि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपए प्रति क्विंटल तय किए हैं, राज्य सरकार द्वारा 2 सौ रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है और धान उत्पादन लागत रुपए 1485 रुपए क्ंिवटल है जिसका समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जो कि गेहूं फसल की तुलना में समर्थन मूल्य बहुत कम है इस विसंगति को दूर किया जाए। शासकीय तालाब मालगुजारी तालाब कास्तकारी तालाब और पंचायती तालाब को 4-4 फीट गहरा किया जाए, ताकि पानी अधिक माात्रा में भरा रहे।
यह रहे उपस्थितज्ञापन देने के दौरान ईश्वरी बिसेन, धनेन्द्र चौधरी, खोवेन्द्र तुरकर, नरेन्द्र पटले, टिकमसिंह तुरकर, मनोज बिसेन, शुभम पटले, पीसी चौधरी, तिलकचंद राहंगडाले, धनसिंह पटले, अरूण सिंह देशमुख, टेनेन्द्र बिसेन, धरमचंद राहंगडाले, ख्यालसिंह पटले, उमाशंकर ठाकरे, संतोष राहंगडाले, पुरनलाल हरिनखेड़े, गोविंद बिसेन, कारूलाल राउत, सुरेन्द्र बोपचे, उपदेश पटले, शांतिलाल बोपचे, संदीप बोपचे, चेतसिंह बिसेन, अरुण देशमुख, तेजराम पटले, मिनेशराज, चन्द्रशेखर भगत, दिनेश गौतम, टेकराम सिंगनदुपे, हंसराम ठाकरे सहित बड़ी संख्या में कृषकगण मौजूद रहे।