scriptखरीदी केन्द्र में व्यापारी बेच रहे धान | Merchants are selling paddy in the procurement center | Patrika News

खरीदी केन्द्र में व्यापारी बेच रहे धान

locationबालाघाटPublished: Jan 19, 2020 03:56:52 pm

Submitted by:

mukesh yadav

तहसीलदार ने महकेपार में की कार्रवाई

खरीदी केन्द्र में व्यापारी बेच रहे धान

खरीदी केन्द्र में व्यापारी बेच रहे धान

तिरोड़ी। देश के अन्य राज्यों का धान खपाने और गरीब किसानों से औने-पौने दामों में धान की उपज खरीदने वाले व्यापारी खरीदी केन्द्र प्रभारियों से सांठ-गांठ कर समर्थन मूल्य पर धान बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। दरअसल, समर्थन मूल्य पर जब से धान की खरीदी शुरू हुई है, तभी से व्यापारी और कोचिएं खरीदी प्रभारियों से सांठ-गाठ कर धान बेच रहे हैं। क्षेत्र के अधिकांश खरीदी केन्द्रों में व्यापारी अपना धान बेच रहे हैं। महकेपार खरीदी केन्द्र से लगातार इस तरह की शिकायतें सामने आ रही थी। इसके बाद आज तिरोड़़ी तहसीलदार शोभना ठाकुर ने शिकायतकर्ता शशीकांत सोनवाने की शिकायत पर खरीदी केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान तहसीलदार ने 100 बोरी धान भी जब्त की। यह धान कोसुंबा निवासी तुकाराम भालाधरे द्वारा लाकर बेचा जा रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही तुकाराम ने 1 हजार धान बेचा था।
उल्लेखनीय है कि बेमौसम की बारिश तथा समय पर मैसेन नहीं आने के कारण किसान अपनी उपज नही बेच पाए हंै और सरकार से धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उधर, खरीदी केन्द्रों में प्रभारी किसानों की उपज खरीदने की बजाए व्यापारियों बिचौलिए से साठ-गाठ अनुचित लाभ उठा रहे हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली धान की अंतिम तिथि में किसानों से ज्यादा व्यापारी धान की बिक्री में लगे हुए है। क्षेत्र के खरीदी केन्द्र कटंगी, बीसापुर, सिरपुर, भजियापार, अतरी-सांवगी, आगरवाड़ा, कटेरा, बनेरा, जराहमोहगांव, जाम, मानेगांव, खैरलांजी, धनकोषा, बोथवा, बम्हनी, टेकाड़ी, महकेपार, कुड़वा, कटेधरा, नांदी और परसवाड़ा में से तिरोड़ी और कटंगी तहसील के कुछ खरीदी केन्द्र ऐसे हैं, जहां पर व्यापारियों द्वारा धान लाकर बेची जा रही है। किसानों द्वारा कराए गए पंजीयन के नाम पर धान को बेचा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए जिन किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है, उन्ही किसानों की आड़ में व्यापारी इसका लाभ उठाकर धान की बिक्री करने में लगे हुए है।
सूत्रों की माने तो ऐसे किसान जिन्होंने धान बिक्री के लिए अपना पंजीयन तो करा लिया है लेकिन बिक्री की संख्या कम है, उनके द्वारा खरीदी केन्द्र में लाई जाने वाली धान की तौल के लिए उन्हें कई दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है। जबकि व्यापारियों द्वारा किसानों की आड़ में लाई जाने वाली धान की तौल सबसे पहले की जाती है। यह खरीदी केन्द्र प्रभारी की मिलीभगत से होती है, यही वजह है कि वह अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए सबसे पहले वही धान की तौल कराते हैं जिनमें व्यापारियों की सहभागिता होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो