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बालाघाट

मनरेगा का खजाना खाली, करोड़ों रुपए का भुगतान अटका

भोपाल से ही नहीं हो पा रहा है मनरेगा का भुगतान, मजदूरी भुगतान के इंतजार में ग्रामीण, सामग्री भुगतान का भी करोड़ों रुपए अटका

बालाघाटNov 14, 2019 / 08:18 pm

Bhaneshwar sakure

मनरेगा का खजाना खाली, करोड़ों रुपए का भुगतान अटका

मनरेगा का खजाना खाली, करोड़ों रुपए का भुगतान अटका

बालाघाट. मनरेगा का खजाना खाला हो गया है। जिसके कारण न तो मजदूरों को भुगतान हो पा रहा है और न ही पंचायतों में किए गए निर्माण कार्यों का। ग्रामीण आज भी बेसब्री से मजूदरी का भुगतान होने का इंतजार कर रहे है। दरअसल, मजदूरों को दो माह से मनरेगा भुगतान नहीं हो पाया है। जिसके कारण ग्रामीण दीपावली पर्व नहीं मना पाए। मनरेगा से करीब दो करोड़ ४५ लाख रुपए का मजदूरी भुगतान लंबित है। वहीं सामग्री का १४ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान लंबित है। इधर, जिले में मनरेगा से ग्रामीणों को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं पूर्व में किए गए कार्यों का भी भुगतान नहीं हो पाया है। दूसरी ओर रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर पलायन करने वाले ग्रामीण दीपावली पर्व पर अपने गांव लौटे है। लेकिन गांव में उन्हें रोजगार नहीं मिलने के कारण वे पुन: महानगरों की ओर पलायन करने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत जिले में १५ करोड़ २९ लाख २ हजार रुपए का भुगतान लंबित है। जिसमें ४८ लाख ३७ हजार रुपए मजदूरी का और १४ करोड़ ७९ लाख ४८ हजार रुपए सामग्री का भुगतान शामिल है। जिले से ३०१९१४ ने जॉब कार्ड के लिए आवेदन किया था। जिसमें से २९५०४८ को जॉब कार्ड जारी किया गया था। इसमें से २४९४६० जॉब कार्ड धारी को ही रोजगार मिल पाया है। जिन ग्रामीणों को मनरेगा से रोजगार मिला है, उन्हें समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सितम्बर माह से शासन स्तर से भुगतान लंबित है। भोपाल स्तर से राशि खाते में जमा नहीं की जा रही है। जिसके कारण ग्रामीणों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाया है। हालांकि, पूर्व में अनेक बार ग्रामीणों ने दीपावली पर्व को देखते हुए मजदूरी का भुगतान किए जाने की मांग की थी। लेकिन मजदूरों की मजबूरी को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है।
दो माह से बनी है समस्या
बताया गया है कि दो माह से मजदूरों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन का खजाना खाली होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। सितम्बर माह से शासन ने मजदूरों को भुगतान नहीं किया है। जानकारी के अनुसार ४५.३१ लाख रुपए अकुशल, अद्र्व कुशल व कुशल का ३.०६ लाख रुपए का भुगतान शेष है।
महानगरों से लौटे ग्रामीण
इधर, दीपावली पर्व मनाने के लिए महानगरों से ग्रामीण अपने घर लौट गए है। लेकिन उन्हें पंचायतों में रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ये ग्रामीण कृषि कार्य से निवृत्त होने के बाद रोजगार की तलाश में पुन: महानगरों की ओर पलायन कर लेंगें।
बालाघाट का ११ लाख रुपए से अधिक का भुगतान शेष
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के बालाघाट विकासखंड का सर्वाधिक भुगतान लंबित है। इस विकासखंड में ११.१८ लाख रुपए का भुगतान होना शेष है। इसी तरह कटंगी का ९.३२ लाख, लालबर्रा का ८.३ लाख, बैहर का ६.९२ लाख रुपए का भुगतान बकाया है। इसी तरह अन्य विकासखंडों में भी मनरेगा का भुगतान नहीं हो पाया है।
१४७९.४८ लाख रुपए सामग्री का भुगतान लंबित
मनरेगा की मजदूरी के साथ ही सामग्री का भी भुगतान नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार जिले में १४ करोड़ ७९ लाख ४८ हजार रुपए का भुगतान शेष है। जिसमें सर्वाधिक भुगतान लालबर्रा ८५३.३८ लाख रुपए, वारासिवनी का २०७.०४, कटंगी का ११०.८९ लाख रुपए सामग्री का भुगतान होना शेष है। इसके अलावा अन्य विकासखंडों में भी सामग्री का भुगतान नहीं किया गया है।
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